नहीं रहे द्रमुक के भीष्म पितामाह और भारतीय राजनीति के मज़बूत स्तंभ एम.करुणानिधि

Akanksha Thapliyal

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम के ‘भीष्म पिता’ करुणानिधि नहीं रहे, वो 94 वर्ष के थे. चेन्नई के कावेरी हॉस्पिटल में एडमिट करुणानिधि की मृत्यु द्रविड़ पॉलिटिक्स के लिए बहुत बड़ा धक्का है. करुणानिधि ने अन्नादुरै के साथ मिल कर DMK की शुरुआत की थी.

उनकी मृत्यु और उनसे पहले जयललिता के देहांत ने तमिलनाडु की राजनीति और दक्षिण भारतीय राजनीति में जो गैप छोड़ा है, वो जल्द नहीं भरने वाला. राज्य में होने वाले सभी चुनावों में न हमेशा ही इन दोनों हस्तियों का पलड़ा भारी रहता था. दोनों की अनुपस्थिति राजनीति के लिए एक बड़ी चुनौती छोड़ गयी है.

एम. करुणानिधि की राजनीति में एंट्री 1950 के दशक में हुई थी, उससे पहले उन्होंने कई तमिल फ़िल्मों की स्टोरी और स्क्रीनप्ले लिखा था.

वो इस राज्य के 5 बार CM रह चुके थे और तमिलनाडु राजयसभा में 13 बार मनोनीत हुए थे.

वो 94 की उम्र में भी पार्टी की सभाओं में कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते थे और कहते थे कि 100 की उम्र के बाद भी ऐसा ही करेंगे.

उनकी मृत्यु के बाद, उनके बेटे स्टालिन के कन्धों पर द्रमुक की ज़िम्मेदारी रहेगी.

RIP कलैग्नार (आर्टिस्ट) 

Feature Image Source: NDTV

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