स्वागत में गुलदस्ते के बजाए किताब देने का आग्रह करने वाले इस विधायक से हर नेता को सीख लेनी चाहिए

Sanchita Pathak

हमने नेताओं के ठाठ-बाट के कई क़िस्से हमने सुने हैं. कोई नेता किसी विशेष चाय की डिमांड रखता है तो कोई गाड़ी समेत प्लेटफ़ॉर्म पर चढ़ जाता है और गाड़ी से सीधे ट्रेन में एन्ट्री करता है तो किसी के आने-जाने के लिए घंटों रास्ता ब्लॉक्ड रहता है.


केरल के Vattiyoorkavu के विधायक ने कुछ ऐसा किया जो इस देश के बहुत कम नेता करते हैं.  

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उन्होंने कहा है कि उनका स्वागत फूल, गुलदस्ते से नहीं, किताबों से किया जाए. प्रसांत ने केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए भी बहुत सारा राहत का सामान जमा किया था. हाल ही में हुए By-Polls में प्रसांत की जीत हुई और वो अपने चुनाव क्षेत्र में लोगों को धन्यवाद देने निकले थे.


बीते गुरुवार को एक फ़ेसबुक पोस्ट द्वारा वी. के. प्रसांत ने कहा कि लोग उन्हें फूल, गुलदस्ते के बजाए किताब दें.  

The News Minute से बातचीत में प्रसांत ने कहा, ‘अगले सुबह से ही लोगों का गज़ब का रिस्पॉन्स मिला. हमें तीन दिनों में 3000 किताबें मिल चुकी हैं.’ 

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बच्चों से लेकर बूढ़े तक विधायक की बात सैंकड़ों लोगों ने मानी. किताबें लेने का आईडिया कहां से आया इस पर प्रसांत ने कहा, ‘कुछ सरकारी स्कूल के लोग मेरे पास आये और लाइब्रेरी की व्यवस्था करने की मांग की. हमने जो किताबें ख़रीदी हैं उनसे 3 स्कूलों में लाइब्रेरी शुरू करेंगे.’ 

देश के नेताओं को ही नहीं आम जनता को भी प्रसांथ से प्रेरणा लेनी चाहिए.  

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