Labour Rekharam Meghwal: सरकारी नौकरी पाने की तमन्ना बहुत से युवाओं की होती है. मगर इनमें से कुछ होते हैं जो सरकारी नौकरी के लिए अच्छी लाइब्रेरी, मजबूत आर्थिक स्थिति, अच्छा कोचिंग सेंटर आदि को ज़रूरी बताते हैं.
वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो ग़रीब होते हुए भी इन सारी सुविधाओं के बावजूद अपनी कड़ी मेहनत के दम पर सरकारी नौकरी पा जाते हैं. ऐसे ही एक शख़्स की मोटिवेशनल स्टोरी ट्विटर पर वायरल हो रही है. ये एक ग़रीब मज़दूर की कहानी है जिसे मज़दूरी करते समय ही सरकारी नौकरी मिलने वाली ख़ुशख़बरी मिली.
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‘आख़िर मेहनत कभी बेकार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.’ ये पंक्तियां राजस्थान के बायतू के मातासर गांव के रहने वाले रेखाराम मेघवाल पर सटीक बैठती हैं.
एक ग़रीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले रेखाराम लंबे समय से टीचर बनने की तैयारी कर रहे थे. उसने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर पढ़ीई की और उसके साथ ही घर चलाने के लिए मज़दूरी भी.
काफ़ी संघर्ष करने के बाद आख़िर उनका सपना पूरा हो ही गया. उनका चयन राजस्थान में शिक्षक के पद पर हो गया है. आपको जानकर हैरानी होगी कि जब उन्हें ये ख़ुशख़बरी मिली तब वो भरी धूप में सीमेंट का ट्रक खाली कर रहे थे.
इनकी ये प्रेरणादायक स्टोरी धौलपुर पुलिस के आधिकारिक अकाउंट से एक प्रेरणादायक कहानी शेयर की है. देखिए कैसे लोग रेखाराम को दिल खोल के बधाई देते दिखाई दिए…
रेखाराम मेघवाल की मेहनत को सलाम है, ये उन लाखों भारतीय युवाओं की प्रेरणा हैं जो ग़रीब होते हुए भी सरकारी नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.