महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़, उत्पीड़न को रोकने के लिए और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लखनऊ पुलिस ने एक ‘समाधान’ निकाला है.
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ पुलिस ने Facial Recognition Technology वाले कैमरे लगाने का निर्णय लिया है. उत्तर प्रदेश सरकार के ‘मिशन शक्ति’ प्रोग्राम के तहत ये प्रोजेक्ट शुरू किया जायेगा.
बीते अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘मिशन शक्ति’ प्रोजेक्ट शुरू किया था. लखनऊ पुलिस ने 200 हॉट-स्पॉट चिन्हित किए हैं ,जहां से छेड़छाड़ की सबसे ज़्यादा शिकायतें मिलीं.
प्रोजेक्ट के शुरुआती दौर में 5 AI कैमरा लगाए जाएंगे जो महिलाओं के फ़ेशियल एक्सप्रेशन को देखते ही एक्टिवेट हो जाएंगे. लखनऊ पुलिस के इस रामबाण उपाय का लोगों ने स्वागत नहीं किया.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलॉजी (आईआईटी) बॉम्बे में सेन्टर ऑफ़ पॉलिसी स्टडीज़ की असिस्टेंट प्रोफ़ेसर अनुपम गुहा के अनुसार फ़ेशियल एक्स्प्रेशन रिकॉर्डिंग वीडियोज़ से समस्याएं खड़ी होंगी, ये वीडियोज़ काफ़ी ख़तरनाक साबित हो सकते हैं.
बहुत से एक्स्पर्ट्स का ये भी कहना है कि इन रिकॉर्डिंग्स का इस्तेमाल पुलिस उत्पीड़न के लिए भी कर सकती है. यही नहीं इस तरह की रिकॉर्डिंग्स निजता का उल्लंघन भी है.
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया-