डोनाल्ड ट्रंप के फ़ैसले से दुखी होकर मलाला ने लिखा भावुक पोस्ट. पिचई और Zuckerberg ने भी की निंदा

Nagesh

ट्रंप के शासन में आते ही लोग ऐसा अनुमान लगा रहे थे कि कुछ कड़े फ़ैसले देखने को मिल सकते हैं, पर शनिवार को देर शाम आये ट्रंप के एक फ़ैसले से पूरा विश्व अवाक रह गया. ट्रंप ने ईराक, सोमालिया सहित सात मुस्लिम देशों के लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है. इस घटना के बाद पूरी दुनिया के चर्चित लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी है. इस फ़ैसले से बहुत दुखी हैं नोबेल पुरस्कार विजेता ‘Malala Yousafzai’. इस एक्टिविस्ट ने फ़ैसले की घोषणा होते ही कहा कि ‘मैं बहुत टूटी हुई महसूस कर रही हूं’. साथ ही फेसबुक पर राष्ट्रपति ट्रंप के इस फ़ैसले के विरोध में एक पोस्ट लिखा.

ट्रंप का कहना था कि ‘जिन आतंकियों से हमारे सिपाही दिन-रात लड़ रहे हैं, हम उन्हें कैसे अपने देश में आने दे सकते हैं? हम अपने देश में बस उन्हें चाहते हैं, जो इस देश से प्यार करते हैं और यहां आने के हक़दार हैं’. इसी स्टेटमेंट के विरोध में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी मलाला ने अपनी फेसबुक पेज पर लिखा है कि

“मैं आज बहुत उदास हूं, क्योंकि प्रेसिडेंट ट्रंप ने हिंसा और युद्ध से अलग रहने वाले पिता, माता और बच्चों के लिए अपना दरवाजा बंद कर दिया है. मैं इस बात से भी उदास हूं कि अमेरिका अप्रवासियों और रिफ्युज़ियों को पनाह देने के गौरवान्वित इतिहास के बावजूद भी अपना मुंह मोड़ रहा है. जिन लोगों ने आपके देश को बनाने में आपकी मदद की और हर वक़्त आपके काम में तत्परता दिखाई, आप उनको कैसे रोक सकते हैं?
मैं उन सीरियाई बच्चों के लिए उदास हूं, जो बस भेदभाव के कारण छह साल के युद्ध वाले माहौल से निकल कर अच्छी ज़िंदगी नहीं जी पाएंगे. मैं अपने दोस्त ज़ायनाब जैसी अन्य लड़कियों के लिए भी दुखी हूं, जिन्हें मात्र 17 साल की उम्र में क्या-क्या देखना पड़ा. हालांकि ज़ायनाब को अमेरिकी वीज़ा मिल गया था, इसलिए उसकी ज़िंदगी सुधर गयी, पर बाकी सबका क्या?इस बुरे समय में मैं प्रेसिडेंट ट्रंप से अनुरोध करती हूं कि विश्व के इन मजबूर बच्चों से मुंह न मोड़ें.”
prospectmagazine

Mark Zuckerberg ने ट्वीट कर इस फ़ैसले की कड़ी निंदा की और ट्रंप के भविष्य में लिए जाने वाले फ़ैसलों के प्रति अपना डर प्रकट किया.

वाकई डोनाल्ड ट्रंप का ये फ़ैसला भय पैदा करने वाला है. ट्रंप ने जिन सात देशों पर रोक लगाई है, वो देश हैं ईरान, इराक़, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन. गौरतलब करने वाली बात ये है कि इन सातों देशों का अमेरिका में हुए सबसे बड़े आतंकी हमलों से कोई लेना देना नहीं है. 9/11 जैसी घटनाओं में आतंकी जिन देशों से आये थे, उनके खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसका सीधा अर्थ ये है कि ट्रंप बस मुस्लिम देशों के खिलाफ़ हैं. डोनाल्ड ट्रंप को अपने इस फ़ैसले के बारे में एक बार और सोचना चाहिए.

Source: Cosmopolitan

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