फ़ाउंटेन पेन के दौर की याद में इस कारपेंटर ने बनाया 250 किलो और 19.5 फ़ीट की रेपलिका

Kundan Kumar

स्कूली दिनों में, शुरुआत की कुछ कक्षाओं में बच्चों को लिखने के लिए सिर्फ़ पेंसिल इस्तेमाल करने का नियम था, तब फाउंटेन पेन से लिखने का बड़ा मन हुआ करता था. उस सयम में फाउंटेन पेन ही चलन में था. माना जाता था कि उससे लिखावट अच्छी होती है. अब वो वक़्त नहीं रहा, फाउंटेन पेन गुज़रे ज़माने की बात हो गई. 

उसी की याद में कर्नाटक के Avinahalli गांव के कारपेंटर Krishnamurthy Achar ने फ़ाउंटेन पेन का 19.5 फ़ीट लंबा लकड़ी का मॉडल बनाया है, उसका वज़न 250 किलो के आस-पास है. 

लकड़ी की कलम बनाने के पैशन में बात करते हुए Krishnamurthy ने कहा, ’14 साल पहले मैंने अलग-अलग आकार के लकड़ी के पेन बनाने की शुरुआत की थी. मुझे हमेशा से फ़ाउंटेन पेन में दिलचस्पी थी, अब वो क्लासिक पेन ग़ायब होते जा रहे हैं. उस दौर की याद में मैंने ये पेन बनाया है.’ 

इस विशालकाय कलम की तस्वीर ट्विटर पर भी शेयर की गई है. लोगों ने Krishanmurthy को इस काम के लिए ढेरों बधाइयां दी. 

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