शहर में ख़त्म थी दवाई, बंदा 1000 किलोमीटर ड्राईव करके गया और पिता के लिए ले आया दवाई

Sanchita Pathak

कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवाई या इंजेक्शन नहीं है. इस वजह से डॉक्टर मरीज़ों पर एक्सपेरिमेंटल ट्रीटमेंट ही कर रहे हैं. कुछ रेकमेन्डेड ड्रग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है, इन्हीं में से एक है Tocilizumab. कोरोना के बढ़ते केस की वजह से बाज़ार में भी दवाई की कमी हो रही है.

The New Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, जोएल पिन्टो को डॉक्टर्स ने भी यही बताया कि उनके पिता को Tocilizumab की ज़रूरत है. 28 वर्षीय पिन्टो के पिता, कोरोना पॉज़िटिव पाये गये और उनका ट्रीटमेंट चेन्नई में चल रहा था.

पिन्टो को पता चला कि Tocilizumab चेन्नई में पिछले 15 दिनों से नहीं मिल रही है. Tocilizumab बनाने का Patent सिर्फ़ एक Manufacturer के पास है और इसका इस्तेमाल Inflammation को कम करने के लिए किया जाता है, ये दवाई 75000 हज़ार से 95000 तक के बीच की आती है. 

The Hindu
पहले डॉक्टर्स ने बताया कि वो 2 दिन में दवाई मंगवा देंगे. बाद में उन्होंने बताया कि उन्हें दवाई के डिलीवरी पर संदेह है. मैंन शहर के सैकड़ों फ़ार्मसीज़ में फ़ोन किया और सोशल मीडिया पर भी कई रिक्वेस्ट डालीं. 

-जोएल पिन्टो

पिन्टो ने आगे बताया कि उन्हें दवाई नहीं मिली और दूसरे लोग भी अपनों को बचाने के लिए उसी दवाई की तलाश कर रहे हैं. पिन्टो के पिता को 2 साल पहले Lung Infection हुआ था और उन्हें सांस लेने में दिक्कतें आ रही थीं. 

‘मवार को मेरे पिता को अस्पताल में भर्ती हुए 13 दिन हो गये. डॉक्टर्स ने मुझे बताया कि वक़्त बीतता जा रहा है. अगर देर हो गई तो ट्रीटमेंट करना संभव नहीं होगा. मैं बता नहीं सकता कि ये सुनकर मैं कितना घबरा गया था. 

-जोएल पिन्टो

पिन्टो लगातार फ़ार्मेसीज़ को फ़ोन कर रहे थे और एक फ़ार्मेसी ने ही उन्हें बताया कि उन्हें हैदराबाद में दवाई मिल सकती है. हैदराबाद से दवाई आने में 3 दिन तक का समय लग सकता था. पिन्टो के पास वहां ख़ुद जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था. 

The New Indian Express
उस फ़ार्मासिस्ट ने मुझसे 92 हज़ार लिए. मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं ये सोचने के लिए मेरे पास वक़्त नहीं था. मैंने एडवांस दे दिया और ई-पास के लिए एप्लाई कर दिया. 

-जोएल पिन्टो

अस्पताल का लेटर साथ में था तो पिन्टो को 45 मिनट के अंदर ई-पास मिल गया. पिन्टो ने गाड़ी उठाई और हैदराबाद के लिए निकल पड़ा. 

मैं मंगलावर को 1 बजे के आस-पास पहुंचा और दवाई ली. मुझे राहत मिली. मैं तुरंत चेन्नई के लिए निकला और मंगलवार को ही दोपहर 12 बजे के आस-पास घर पहुंचा. 

-जोएल पिन्टो

पिन्टो को अपनी ख़ोज के दौरान पता चला कि Tocilizumab की देश में भारी किल्लत है और कई लोगों को इसी ज़रूरत है.  

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