पोती की लाश कंधे पर ढोने को मजबूर थे दादा, अस्पताल ने पहले इलाज से फिर एम्बुलेंस देने से किया मना

Anurag

हमारे आस-पास ऐसी कई घटनाएं घटती हैं, जिन्हें सुनकर ही कलेजा मुंह को आ जाए ,मगर मजबूरियां इन्सान से कुछ भी करवा सकती हैं. ऐसी ही मजबूर परिस्थितियों में घिरे एक शख्स को एम्बुलेंस न मिलने के कारण अपनी 9 साल की पोती की लाश को कंधे पर ढोना पड़ा.

घटना दिल्ली से सटे फरीदाबाद की है, जहां एक सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान एक लड़की की मौत हो गई. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, लक्ष्मी को पिछले 2 दिनों से बुखार था, जिसके इलाज के लिए उसके दादा उसे फरीदबाद के एक सिविल अस्पताल में ले गए. अस्पताल वालों ने इलाज करने से मना कर दिया, जिसकी वजह से लक्ष्मी की अस्पताल में ही मौत हो गई.

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इतना ही नहीं, अस्पताल प्रशासन ने निर्दयता की हद तब पार कर दी जब उन्होंने छोटी बच्ची की लाश ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने से भी इंकार कर दिया. इसके बाद मजबूरी में उसके दादा को कंधे पर ही अपनी पोती का शव ले जाना पड़ा. कुछ स्थानीय पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें एक निजी एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गई.

देश में घटने वाली ये पहली घटना नहीं है. इसके पहले भी यूपी के बांदा ज़िले में सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण एक मृतक के परिजनों को उसका शव रिक्शे पर ले जाना पड़ा था. ऐसे ही मिर्ज़ापुर में एक भाई को अपनी बहन की लाश कंधे पर लेकर जाना पड़ा था. उसके पहले ओडिशा के दाना मांझी की अपनी पत्नी की लाश कंधे पर ढोते हुए तस्वीरें सामने आई थीं.

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