45 साल बाद दहेज में मिली ज़मीन को वापस कर इस शख़्स ने पेश की ईमानदारी की मिसाल

J P Gupta

आजकल ज़मीन-जायदाद के पीछे लोगों के बीच झगड़े से लेकर सर फुटव्वल तक हो जाती है. ऐसे में एक शख़्स ने 45 साल बाद दहेज में मिली ज़मीन वापस लौटा कर एक ख़ूबसूरत मिसाल पेश की है. ये एक दो बीघे नहीं बल्कि पूरे 10 एकड़ है.

ये पूरा मामला एमपी के बैतूल ज़िले का है. यहां के जगदीश भारती ने ईमानदारी की ये अनूठी मिसाल पेश की है. दरअसल, 4 साल की उम्र में इनकी शादी एक लड़की से तय कर दी गई थी. 16 साल में उनका गौना(शादी) होने की बात हुई थी. लेकिन जगदीश बाल विवाह के ख़िलाफ़ थे, इसलिए ये शादी नहीं हो सकी.

जब उनका रिश्ता तय हुआ था, तब लड़की के घरवालों ने जगदीश को गिफ़्ट यानी दहेज के तौर पर 10 एकड़ ज़मीन दी थी. तीन साल पहले इनके परिवार की मुलाक़ात लड़की के पिता से एक योग शिविर में हुई थी. तब इस ज़मीन के बारे में दोनों परिवारों के बीच बातचीत हुई. इसके बाद जगदीश ने पूरी ज़मीन उन्हें वापस करने का फै़सला किया.

इसके बाद उन्होंने ज़मीन के कागज़ लड़की के भाई श्रीराम यादव के नाम कर दिए. हालांकि, ज़मीन उनके नाम करने में उन्हें तीन साल का समय लग गया है. इस सोमवार को ही उन्होंने श्रीराम यादव को इसके कागज़ात सौंपे हैं.

इस बारे में हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए भारती ने कहा- ‘लड़की के दादा जी ने ये ज़मीन मुझे गिफ़्ट की थी. लेकिन शादी नहीं हो सकी, क्योंकि मैं बाल विवाह के ख़िलाफ था. उनके परिवार से मिलने के बाद हमने तय कर लिया था कि ये ज़मीन उन्हें वापस कर देंगे. आज सारा पेपरवर्क हो जाने के बाद हमने लड़की के भाई श्रीराम यादव को इसे सौंप दिया.’

dw

इस ज़मीन की क़ीमत आज के दौर में क़रीब 25 लाख रुपये है. उनकी ईमानदारी की तारीफ़ करते हुए श्रीराम यादव ने कहा- ‘हमारे परिवार ने ज़मीन वापस नहीं मांगी थी, क्योंकि ये हमारे दादाजी का फ़ैसला था. हम कई सालों से उनके संपर्क में नहीं थे. लेकिन जब तीन साल पहले जब हम मिले तो भारती के पिता से मिले थे तो इस बारे में बात हुई. भारती ज़मीन लौटाने से पहले थोड़ा भी नहीं झिझके, जबकि क़ानूनी तौर पर ऐसा करने को वो बाध्य नहीं थे. हमें ख़ुशी है कि आज के दौर में भी ऐसे ईमानदार लोग मौजूद हैं.’ 

जगदीश भारती PWD विभाग में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर काम करते हैं. उनकी मासिक आय 9000 रुपये है. इतनी कम आय होने के बावजूद भी उनके मन में ज़मीन को अपने पास रखने का ख़्याल नहीं आया. ये बताता है कि आज भी इस दुनिया में ईमानदार लोग मौजूद हैं. उनकी इस ईमानदारी को हमारा सलाम.

News के और आर्टिकल पढ़ने के लिये ScoopWhoop Hindi पर क्लिक करें.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे