मनोहर पर्रिकर: वो शख़्स जिसने आख़िरी सांस तक गोवा की सेवा करने की शपथ ली और उसे निभाया भी

Sanchita Pathak

रविवार को देर शाम मनोहर पर्रिकर Pancreatic Cancer से जंग हार गए. एक आरएसएस प्रचारक से लेकर देश के पहले IITian मुख्यमंत्री थे मनोहर.


मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर, 1955 में गोवा के मापुसा के ही एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. पर्रिकर ने IIT-Bombay से Metallurgical Engineering की पढ़ाई की. वो भारत के किसी राज्य से एमएलए बनने वाले पहले IITian थे. 

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कम आयु में जुड़े आरएसएस से 

मनोहर जी ने कम आयु में ही आरएसएस में शामिल हो गए थे. आरएसएस के प्रांत प्रचारक, डी.नादकर्णी से मनोहर काफ़ी प्रभावित हुए. IIT की तैयारी के दौरान ही उन्हें ‘मुख्य शिक्षक’ बनाया गया.


IIT से पास होने के बाद उन्होंने मापुसा में ही आरएसएस का काम-काज जारी रखा और अपना बिज़नेस शुरू किया. 1981 में वे मापुसा के यूनिट संघचालक बनाए गए. 

आरएसएस की उनके जीवन में भूमिका के बारे में पर्रिकर कहते हैं,   

अनुशासन, प्रगतिशीलता, लैंगिक समानता, क़ानून के सामने सब एक हैं, देशभक्ति, सामाजिक दायित्व ये सब आरएसएस में ही सीखा.

-मनोहर पर्रिकर

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1991 में लड़ा पहला चुनाव 

पर्रिकर ने उत्तर गोवा लोक सभा सीट से 1991 में पहली बार चुनाव लड़ा. वे कांग्रेस के Harish Zantye से हार गए. 

1994 में मिली जीत 

1991 के हार के बाद भी पर्रिकर रुके नहीं. वे पणजी सीट से चुनाव लड़े और जीते. इसी के साथ बीजेपी को पहली बार गोवा एसेंब्ली में 4 सीटें मिली. 

2000 में बने गोवा के मुख्यमंत्री 

अक्टूबर, 2000 में पर्रिकर, भारत के पहले IITian मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपनी पत्नी को खो दिया. उनकी पत्नी भी कैंसर से ही जंग लड़ रही थी. 

2002 में राज्य एसेंबली भंग की और दोबारा मुख्यमंत्री बनाए गए 

27 फरवरी, 2002 को गोवा एसेंबली भंग हुई पर 5 जून, 2002 को पर्रिकर को दोबारा मुख्यमंत्री चुना गया.

ग्रामीण इलाकों के 51 सरकारी स्कूलों को विद्या भारती स्कूलों में बदलने पर उनकी गंभीर आलोचना भी हुई.   

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जनवरी 2005 में एसेंबली में अल्पसंख्यक बन गई उनकी सरकार 

29 जनवरी 2005 में 4 बीजेपी विधायकों के इस्तीफ़े के बाद उनकी सरकार एसेंबली में अल्पसंख्यक बन गई.  

2007 के चुनाव में मिली हार 

2007 में पर्रिकर के नेतृत्व में बीजेपी को गोवा में हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के दिगंबर कामत की जीत हुई.  

2012 में मिली जीत 

2012 में बीजेपी और Allies ने मिलकर गोवा में 24 सीटें जीते. इसके बाद पर्रिकर को फिर से गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया.  

Scroll

2014 लोकसभा चुनाव के बाद बनाए गए रक्षा मंत्री 

2013 में पर्रिकर ने प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी का नाम लिया. 2014 में जीत के बाद मोदी ने पर्रिकर को रक्षा मंत्री चुना. कुछ लोगों का मानना है कि पर्रिकर गोवा नहीं छोड़ना चाहते थे.

2014 में उत्तर प्रदेश से राज्य सभा मेंबर चुने गए 

2014 में उत्तर प्रदेश की एक सीट से उन्हें राज्य सभा सांसद बनाया गया.  

2016 में करवाया सर्जिकल स्ट्राइक 

उरी आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए जब सितंबर 2016 में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की, तब पर्रिकर ही रक्षा मंत्री थे.  

मार्च 2017 में फिर से बने गोवा के मुख्यमंत्री 

2017 में पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया और फिर से गोवा के मुख्यमंत्री बने.   

The Print

कैंसर से लड़ाई के दौरान, ट्यूब्स और थैलियां लगे होने के बावजूद पर्रिकर ने बजट पेश किया था और कहा था, ‘How’s The Josh!’


मनोहर पर्रिकर जैसा नेता शायद इस देश को फिर न मिले. दिल से सलाम.  

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