इसी साल उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत से जीत हासिल करने वाली योगी आदित्यनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही कई बड़े ऐलान किये थे. इस साल अप्रैल में, योगी आदित्यनाथ ने ‘ऋण मोचन योजना’ को मंजूरी दे दी थी ताकि किसानों के फसल ऋण को माफ़ कर दिया जा सके. जिसकी अधिकतम सीमा 1,00,000 रुपये तय की गई थी. इस ‘ऋण मोचन योजना’ के अंतर्गत राज्य के छोटे और मध्यमवर्गीय 86 लाखो किसानों का 1 लाख रुपये तक का लोन माफ़ कर दिया जाएगा. लोन माफ़ी का पहला चरण ख़त्म हो चुका है और जिसमें करीब 12 लाख किसानों के ऋण माफ़ी के प्रमाणपत्र भी मिल चुके हैं. लेकिन ये ऋण माफ़ी योजना के नाम पर किसानों के साथ मज़ाक किया गया है. ये हम नहीं बोल रहे हैं, बल्कि ये बात खुद वो किसान बोल रहे हैं जिनका लोन माफ़ हुआ है.
अगर इसे मज़ाक नहीं बोला जाये, तो क्या बोला जाए… जब लाखों के क़र्ज़ पर माफ़ी के नाम पर किसी किसान के 1 रुपये, किसी के 1 रुपये 50 पैसे , तो किसी के 1 रुपये 80 पैसे माफ़ हुए हों. किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा उनके साथ बहुत ही भद्दा मज़ाक किया है. राज्य के किसानों ने सरकार के ऐलान पर सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर यूपी सरकार करना क्या चाहती है.
लेकिन एक किसान को चिट्ठी मिली है जिसके मुताबिक़ ऋण मोचन योजना के अंतर्गत उसका 1 पैसे का लोन माफ़ हुआ है. इस किसान का नाम छिद्दी लाल है और ये मथुरा के अडीग कस्बे में रहते हैं. छिद्दी लाल ने बताया कि उन्होंने ने 2011 में 1.5 लाख रुपये का क़र्ज़ लिया था, जिसे वो चुका नहीं पाए. अब उनका क़र्ज़ तो माफ़ हुआ, मगर 1.5 लाख रुपये का नहीं, बल्कि केवल 1 पैसे का. चिट्ठी मिलने के बाद से वो तीन बार सरकारी से ये जानने के लिए मिल चुके हैं कि आखिर इतना ज़्यादा लोन माफ़ करने का मकसद है. इतनी मेहरबानी करने की क्या ज़रूरत थी सरकार को.
इसी के साथ छिद्दी लाल के बेटे बनवारी लाल ने बताया कि उनके ऊपर 1.55 लाख रुपये का क़र्ज़ था, और माफ़ किया गया 1 पैसा. कम से कम हमारा 1 लाख रुपये का ऋण इस योजना के अंतर्गत माफ़ होना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि या तो सरकारी अधिकारियों ने कोई ग़लती की है या योगी सरकार ने हमारे साथ मज़ाक किया है.
मथुरा जिला प्रशासन का कहना है कि ऐसा सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से हुआ हो सकता है. वहीं, मथुरा के एडीएम का कहना है कि इस मामले की जांच होगी और जो भी दोषी होगा उसे माफ नहीं किया जाएगा.
लेकिन छिद्दी लाल पहले ऐसे किसान नहीं हैं, जिनका ऐसा लोन माफ़ हुआ है. पिछले कुछ दिनों में यूपी सरकार ने कई किसानों को लोन माफ़ी के प्रमाणपत्र देकर इस तरह का झटका दिया है. लगभग 10 हज़ार किसानों को एक रुपये या उससे कम के क़र्ज़ माफ़ी के प्रमाणपत्र मिल चुके हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार , इटावा के 9,527 किसानों के लिए 58 करोड़ 29 लाख रुपये के क़र्ज़ माफी के चेक बांटे गए हैं. लेकिन वहीं उन किसानों जिनको एक रुपये या 18 रुपये की क़र्ज़ माफ़ी मिली है, का कहना है कि उनके साथ ये धोखा किया गया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐसे किसान जिन्होंने फसल ऋण लिया था, उनका ऋण माफ़ किया गया है. लोन माफ़ी का क्राइटेरिया ये था कि जिन किसानों के खाते में 31 मार्च 2016 तक जितना बकाया था, उतना ऋण माफ़ किया गया है. लेकिन ये राशि 1 लाख रुपये से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए थी.
मगर सवाल यहां ये है कि एक की लोन माफ़ी में गड़बड़ी हो जाएगी, दो में होगी, लेकिन इतने सारे किसानों को ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ेगा, ये कुछ अजीब नहीं लगता क्या?