लखनऊ में चल रहा है ‘माटी कला फ़ेस्टिवल’, यहां से सस्ते में कर सकते हैं दिवाली की शॉपिंग

Abhay Sinha

रौशनी का त्यौहार दिवाली आ गया है और इसी के साथ बाज़ार फिर से गुलज़ार हो गए हैं. बड़ी संख्या में लोग शॉपिंग करने घरों के बाहर निकल रहे हैं. ऐसे में मिट्टी के बर्तनों और उससे जुड़ी कलाकृतियों को प्रमोट करने के लिए लखनऊ ने डालीबाग स्थित खादी भवन में ‘यूपी माटी कला बोर्ड’ की पहली प्रदर्शनी का आयोजन किया है.

britishasianews

यहां दीवाली से जुड़ा हर सामान मौजूद है. मिटटी के कप से लेकर घर की सजावट का सामान लेना हो या फूलदान, गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों से लेकर डिज़ाइनर दीये या फिर अन्य सजावटी सामान. इस मेले में आपको हर चीज़ मिल जाएगी. ये प्रदर्शनी 13 नवंबर तक चलेगी.

15 ज़िलों के माटी कलाकार जुटे

‘लखनऊ माटी कला उत्सव’ के आयोजन का उद्देश्य मिट्टी के बर्तनों में लगे कारीगरों और श्रमिकों को एक मंच प्रदान करना है. दिवाली से ठीक पहले आयोजित इस प्रदर्शनी में न केवल मिट्टी से बनी वस्तुओं की बिक्री को बढ़ावा मिलता है, बल्कि इससे राज्य के कई जिलों से आए कारीगर इस कला को जीवित रखने के लिए प्रोत्साहित भी होते हैं.

knocksense

इसमें 15 जिलों के माटी कलाकार अपने उत्पादों के पूरे रेंज के साथ मौजूद हैं. हर ज़िले के उत्पादों के डिस्पले के लिए दो-दो स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं. इन स्टॉलों के लिए कोई शुल्क नहीं लिया गया है.

कलाकारों के प्रशिक्षण का भी किया इंतज़ाम

माटी कला मेले में गोरखपुर के टेरोकोटा, आजमढ़ की ब्लैक पॉटरी और खुर्जा के मिट्टी के कूकर और कड़ाही के साथ आगरा, लखनऊ, कुशीनगर, मिर्जापुर, आजमगढ़, चंदौली, उन्नाव, बलिया, कानपुर, पीलीभीत, इलाहाबाद, वाराणसी, बादां और अयोध्या के मिट्टी के बने ख़ास उत्पाद अपने पूरे रेंज में उपब्ध हैं.

knocksense

इसके साथ ही किस तरह उनको बनाया जाता है, उसका भी लाइव डिमॉनस्ट्रेशन किया जाता है. आधुनिक चाक पर अलग-अलग ज़िलों के कलाकारों को ऐसा करने का मौका दिया जा रहा है. उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस शिल्प को अपना समर्थन दिया है.

दरअसल, सबसे बड़ी समस्या उत्पादों की फ़ीनिशिंग और दाम को लेकर थी. इसके लिए बोर्ड ने इनको बनाने वालों के लिए प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किये. उनकी मांग के मुताबिक लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के अलग-अलग साइज़ के मॉडल भी तैयार किए गए. 

knocksense

बता दें, कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के भी कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. एंट्री गेट पर ही COVID-19 से जुड़े दिशानिर्देश और हेल्प डेस्क के बारे में जानकारी देने के लिए बैनर लगाए गए हैं. सैनेटाइज़ेशन और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को एंट्री दी जाती है. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग मेनटेन करना और फ़ेस मास्क लगाना अनिवार्य है.

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे