स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस(Netaji Subhas Chandra Bose) की 125वीं जयंती पर पीएम मोदी ने इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा का अनावरण किया. साथ ही घोषणा की बहुत जल्द ही इस जगह पर नेताजी की ग्रेनाइट से बनी मूर्ति लगाई जाएगी. उनकी प्रतिमा को उसी स्थान पर रखा जाएगा जहां 1968 तक जॉर्ज पंचम की प्रतिमा थी. बनने के बाद ये मूर्ती रायसीना हिल्स से आसानी दिखाई देगी.
फ़िलहाल इसकी जगह पर नेताजी की होलोग्राम इमेज लगाई गई है. उनकी मूर्ति बनाने का कार्य ओडिशा के जाने-माने मूर्तिकार अद्वैत गडनायक(Adwaita Gadanayak) को सौंपा गया है. वो तेलंगाना में मिलने वाले स्पेशल ग्रेनाइट से इनकी 28 फ़ीट की मूर्ति बनाएंगे. चलिए आपको बताते हैं कि कौन हैं अद्वैत गडनायक और क्यों उन्हें ही इस कार्य के लिए चुना गया.
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कौन हैं अद्वैत गडनायक?
अद्वैत गडनायक ओडिशा के ढेंकनाल ज़िले के नेउलोपोई गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने भुवनेश्वर के BK College Of Arts And Crafts से अपनी कला की उच्च शिक्षा हासिल की है. उन्होंने आर्ट में मास्टर डिग्री College Of Art दिल्ली से हासिल की है. गडनायक ने लंदन के Slade School Of Fine Arts से भी पढ़ाई की है.
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क्या करते हैं अद्वैत गडनायक?
फ़िलहाल वो National Gallery Of Modern Art के निदेशक के रूप में कार्य कर रहे हैं. इससे पहले वो भुवनेश्वर की KIIT University के School Of Sculpture के हेड के पद पर कार्यत थे. वहां उन्होंने यूनिवर्सिटी के कैंपस में एक सुंदर Sculptor Park बनाया था.
बना चुके हैं कई फ़ेमस मूर्तियां
गडनायक देश और दुनिया में कई प्रसिद्ध मूर्तियां बना चुके हैं. इनकी सबसे फ़ेमस प्रतिमा राजघाट पर लगी गांधी जी की दांडी मार्च वाली मूर्ति है. लंदन में भी इन्होंने कई प्रतिमाएं बनाई हैं. मूर्तिकार गडनायक ने कई पुरस्कार भी जीते हैं. 1993 में राष्ट्रीय ललित कला अकादमी पुरस्कार, 1999 में ओडिशा ललित कला अकादमी पुरस्कार.
इस ख़ास पत्थर से बनाई जाएगी नेताजी की मूर्ति
सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति Black Jade Granite से बनाई जाएगी. ये काले रंग का ख़ास ग्रेनाइट है जो तेलंगाना में पाया जाता है. यहीं से लाए गए पत्थरों से राष्ट्रीय पुलिस स्मारक बनाया गया था. संस्कृति मंत्रालय ने इसका डिज़ाइन पहले से ही तैयार कर लिया है.
गडनायक ये ज़िम्मेदारी पाकर हैं ख़ुश
गडनायक जी को खु़शी है कि पीएम मोदी ने उन्हें इस बड़ी ज़िम्मेदारी के लिए चुना. उन्होंने बताया की पीएम मोदी को उन्होंने पहले ही बता दिया था कि वो इस प्रतिमा को ब्लैक ग्रेनाइट से ही बनाएंगे क्योंकि काले रंग की ऊर्जा को हमारे यहां भगवान कृष्ण और माता काली से जोड़कर देखा जाता है. साथ ही नेताजी का कैरेक्टर बहुत ही मजबूत था इसलिए मजबूत पत्थर से उनकी प्रतिमा बनाना सही रहेगा. उनका ये आइडिया पीएम को भी पसंद आया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मूर्ति का निर्माण बहुत जल्द ही दिल्ली में शुरू हो जाएगा. इसके लिए ख़ासतौर पर ग्रेनाइट के कारीगर बुलाए जाएंगे.