राजस्थान के अलवर में एक परिवार के 7 में से 5 बच्चों ने जज बनकर रचा इतिहास

Kratika Nigam

Alwar’s Judge Family: हर परिवार में मां-बाप चाहते हैं कि उनके बच्चे वही राह पकड़ें जो वो चाहते हैं या फिर वो करें जो उनके बड़े-भाई बहन कर रहे हैं. मगर इस सोच के साथ सभी बच्चे आगे बढ़ें ये तो संभव नहीं होता है. हर बच्चे का अपना दिमाग़ होता है हर बच्चे की अपनी राह होती है इसलिए सब एक-दूसरे को देखकर चलें ये ज़रूरी नहीं है क्योंकि हर बच्चा बचपन से ही एक सपना देखता है कि उसे बड़े होकर क्या बनना है? इसलिए एक-दूसरे के प्रोफ़ेशन में जाना तो कम ही मुमक़िन होता है. अगर ऐसा हो तो वो बहुत आश्चर्य और सामंजस्य की बात होती है, जो हुआ है राजस्थान की एक फ़ैमिली में.

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राजस्थान के अलवर में नयाबास में भागीरथ प्रसाद मीणा का परिवार रहता है, जो Administrative Officer के पद से रिटायर हैं. इनके परिवार में पत्नी और 7 बच्चे हैं, जिनमें 5 बेटी और दो बेटे हैं. इनमें से 4 बेटियां और 1 बेटा जज है. इस घर को ‘जजों का परिवार’ (Alwar’s Judge Family) कहा जाता है. ये पांचों भाई-बहन अलग-अलग कोर्ट में जज हैं. इस परिवार ने जो कहीं नहीं सुना वो करके दिखाया है.

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कामाक्षी पहली बार 2016 में RJS बनीं. इसके बाद, भाई निधिश का 2019 में दिल्ली न्यायिक सेवा में चयन हुआ. दूसरी बेटी सुमन मीणा का चयन 2020 में हुआ. अब मोहिनी और मीनाक्षी मीणा का भी दिल्ली न्यायिक सेवा में चयन हो गया है.

इन पांचों भाई-बहनों में से कामक्षी मीणा ने एनएलयू पटियाला पंजाब से एलएलबी और डीयू से एलएलएम की पढ़ाई की है, जो राजस्थान के सांगानेर में सिविल जज हैं. दूसरी बहन मीनाक्षी मीणा ने एनएलयू जयपुर से एलएलबी और एनएलयू बेंगलुरु से एलएलएम किया है ये दिल्ली में सिविल जज हैं. तीसरी बहन मोहिनी मीणा ने एनएलयू पटियाला से एलएलबी के बाद डीयू से एलएलएम की पढ़ाई की है ये भी दिल्ली में सिविल जज हैं. चौथी बहन सुमन मीणा ने एनएलयू पटियाला से एलएबी के बाद डीयू से एलएलएम की पढ़ाई की है ये राजस्थान के चौमू में सिविल जज हैं. तो वहीं भाई निधीश मीणा ने बीए ऑनर्स के बाद एलएलयू गुजरात के गांधीनगर से एलएलबी किया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनके पिता भागीरथ ने बताया कि,

सात बच्चों को अच्छी शिक्षा देना मुश्किल था, लेकिन, मैंने सही रणनीति का इस्तेमाल किया और अपने सभी बच्चों को उचित शिक्षा देने की कोशिश की. मैंने इनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी और इन्होंने भी मुझे गर्व महसूस कराया है. मैंने कभी बेटे और बेटी में कोई भेदभाव नहीं किया दोनों को ही ख़ूब पढ़ाया. दूसरे शहर भी भेजना पड़ा तो मैंने अपनी बेटियों को भेजा और उन पर विश्वास भी किया. मेरे 5 बच्चे तो जज हैं और एक बेटा खलेश अभी लॉ कर रहा है और बेटी दुर्गेश पंजाब सिंध बैंक में पीओ है.

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मोहनी ने बताया कि,

उन्होंने रोज़ाना 5 से 6 घंटे की पढ़ाई की और यूट्यूब से इंटरव्यू देखकर जानकारी ली इन्हीं इंटरव्यू के आधार पर उन्होंने अपनी तैयारी की. इसके अलावा, उनकी प्रेरणा उनके बड़े भाई बनें.

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आपको बता दें, 5 बच्चों में सबसे पहले बेटा निधीश जज बना था इसी के बाद बाकी सभी भाई-बहनों ने भी प्रेरणा ली और इतिहास रचा.

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