लॉकडाउन ने मज़दूरों को मजबूर, बहुत मजबूर बना दिया है. लाखों लोग अपने गांव लौटने पर आतुर हैं. कुछ ट्रकों में सामान के साथ तो कुछ पैदल ही घर को निकल रहे हैं.
सरकार द्वारा ट्रेन, बसें, सहायता राशि के बावजूद रोज़ मज़दूरों की बेमौत मारे जाने की ख़बरें आ रही हैं.
घर पहुंचने के लिए मज़दूरों को अपने स्वाभिमान को ठेस पहुंचाकर कुछ ऐसे क़दम उठाने पड़ रहे हैं जो वो आम ज़िन्दगी में न उठाते.
ऐसी ही एक घटना ट्विटर पर शेयर की गई. Aarif Shah ने एक चिट्ठी की तस्वीर डाली. ये चिट्ठी एक मज़दूर की थी जिसने अपने दिव्यांग बच्चे के लिए किसी की साइकिल ली थी और साथ में एक माफ़ीनामा भी छोड़ा था.
Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, ये राजस्थान के भरतपुर की घटना है. ये मज़दूर अपने बेटे के साथ उत्तर प्रदेश के बरेली जा रहा था.
मोहम्मद इक़बाल ने भरतपुर के एक गांव से बीते सोमवार रात को साइकिल ली.
ट्विटर की प्रतिक्रिया-