आतंकियों का मकसद था गर्भवती महिला की जान लेना, पर उसने एक बच्ची को जन्म देकर उनको हराया

Akanksha Tiwari

बीते शनिवार जम्मू के सुंजवान सैन्य शिविर में हुए आतंकी हमले में सेना के जवानों ने 4 आतंकियों को मारा गिराया. बताया जा रहा है कि हमले में 5 जवान शहीद हो गए और एक स्थानीय नागरिक की मौत हो गई. दुख की इस घड़ी में एक अच्छी ख़बर भी सुनने को मिली. दरअसल, इस आतंकी हमले में घायल महिला ने अस्पताल में एक बच्ची को जन्म दिया.

ख़बरों के मुताबिक, शाहज़ादा खान नामक महिला की प्रेगेनेंसी को 35 हफ़्ते हो चुके थे. आतंकी हमले से अंजान शाहज़ाद अपने घर पर टहल रही थी, तभी आतंकियों ने उसे अपना निशाना बनाते हुए, पीछे से उसके शरीर के निचले हिस्से पर गोली चला दी.

जख़्मी शाहज़ादा को गंभीर हालत में सतवारी में सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर्स ने मां और बच्चा दोनों की ज़िंदगी बचाने के लिए काफ़ी मेहनत की. दोनों की पल्स धीरे-धीरे चल रही थी.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, गोलियों से घायल शाहज़ादा को बचाने के लिए डॉक्टर्स ने पूरी रात काम किया और C-Section डिलीवरी के ज़रिए डॉक्टर्स नवजात बच्ची को दुनिया में लाने में कामयाब रहे. इसके साथ ही मां और बच्ची दोनों की हालत स्थिर है.

कहते हैं कि 100 मौतों से बड़ी एक ज़िंदगी होती है. आतंकियों का मकसद था उन्हें मारना, लेकिन कुदरत का मकसद था बच्ची को दुनिया में लाना. इस केस में महिला की हिम्मत की भी दाद देनी पड़ेगी, जिसने मुश्किल हालातों में काफ़ी धैर्य से काम लिया और शुक्रिया उन सभी डॉक्टर्स को जिनकी बदौलत एक मासूम को दुनिया देखने का मौका मिला. 

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