इंदौर की ये महिला 3 साल से थीं लापता! पुलिस थी परेशान फिर अचानक सही सलामत लौट आईं घर

Sanchita Pathak

आमतौर पर हम गुमशुदगी की कई ख़बरें पढ़ते हैं, लेकिन इंदौर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे.

The Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 साल 4 महीने पहले इंदौर की एक महिला शिरडी गईं और ‘लापता’ हो गईं. महाराष्ट्र से लापता हुईं ये महिला बीते शनिवार को मिलीं. एक स्थानीय पुलिस अधिकारी के मुताबिक़, 2017 में 38 वर्षीय महिला शिरडी स्थित साईं बाबा के दर्शन को गयी थीं और मंदिर से निकलने के बाद लापत हो गई. 

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इसके बाद लापता महिला दीप्ती के पति मनोज सोनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच में अपनी पत्नी को खोजने के लिए Habeas Corpus पेटिशन दायर की थी. इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के टॉप पुलिस अफ़सर को शिरडी मंदिर के आस-पास से ग़ायब हो रही महिलाओं की जांच ‘ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग’ ऐंगल से करने के निर्देश दिए.

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मनोज के वक़ील सुशांत दीक्षित ने जानकारी दी कि, बीते गुरुवार शाम को दीप्ती अपनी बहन के घर लौट आई. शुक्रवार शाम को ये सूचना जानकारी जस्टिस रवींद्र. वी. घुघे और जस्टिस बी.यू.देवदवार की पीठ को दी गई. मनोज के ससुर ने फ़ोन पर कोर्ट को दीप्ती के लौटने की जानकारी दी और बताया कि 3 साल से दीप्ती इंदौर में ही थी और प्राइमा फ़ेसी में से ये साफ़ हो रहा है कि दीप्ती की दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है.

मैं बरोडा में अपनी ड्राइविंग जॉब में था जब मेरे ससूर ने शाम को क़रीब 6 बजे फ़ोन करके बताया कि मेरी पत्नी इंदौर स्थित अपनी बहन के घर लौट आई है. मैं इंदौर पहुंचा और उससे मिला. उसने ये नहीं बताया कि वो पिछले 3 साल कहां थी. उसने कहा है कि वो मंदिर के बाहर दुकान पर कुछ ख़रीदने गई थी और वहीं बेहोश हो गई. उसे कुछ याद नहीं है. 

-मनोज सोनी

The Indian Express

दीप्ति ने अपने परिवार को बताया है कि, वो 3 साल से इंदौर में ही एक बूढ़ी औरत के साथ रह रही थी. दीप्ति ये नहीं बता पा रही है कि वो शिरडी से इंदौर कैसे पहुंची. 


बीते अक्टूबर में बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने डीजीपी सुबोध जायसवाल को ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग और ऑर्गन ट्रैफ़िकिंग ऐंगल से जांच करने के निर्देश दिए थे. शिरडी पुलिस द्वारा जमा किए गए डेटा के अनुसार 2017 और अक्टूबर 27, 2020 के बीच शिरडी से 279 लोग लापता हुए थे. लापता हुए लोगों में दीप्ति समेत 67 लोगों अनट्रैसेबल थे. 

बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट ने औरंगाबाद स्थित सरकारी अस्पताल और ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दीप्ति की मेडिकल जांच करने के निर्देश दिए. 

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