दिल्ली में आराम से घूमता है छेड़छाड़ करने वालों का दल. कुछ करना तो दूर पुलिस को इसकी ख़बर भी नहीं

Sanchita Pathak

देश में छेड़-छाड़ की घटनाएं कम होने के बजाए बढ़ती चली जा रही हैं. गुंडों-बदमाशों की हिम्मत इतनी बढ़ती जा रही है कि वे लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देते हैं.

बदलते दौर के साथ छेड़छाड़ के तौर-तरीके भी आधुनिक होते जा रहे हैं. क़ानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा पर रोज़ उंगलियां उठ रही हैं, कि आख़िर सत्ता पक्ष के लोग कर क्या रहे हैं?

Parallel Welten

दिलवालों की दिल्ली, छेड़खानी वालों की दिल्ली मे बदलती जा रही है. सुबूत है शिवानी गायरोला का ये ट्वीट:

शिवानी ने कल ट्विटर पर लिखा कि उनकी 19 वर्षीय बहन के साथ 3 महीनों में 7 बार छेड़-छाड़ की घटना घटी.

शिवानी ने आगे लिखा:

‘मेरी बहन ने बताया कि दिल्ली के बस रूट 544 में Molesters का एक दल काम करता है जो कमला नेहरू और गार्गी कॉलेज जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करता है.’

‘एक बार उसने शोर मचाया था और एक लड़के को धक्का दिया था लेकिन अगले ही दिन वो फिर से उसी बस में था. ये कोई संयोग नहीं. ये मानसिक तौर पर अपंग लड़के हैं जिनका बस पर चढ़ने का मक़सद सिर्फ़ शिक्षा ग्रहण करने जा रही लड़कियों को छेड़ना है.’

‘मेरी बहन को एक बार इतना परेशान किया गया कि वो बस से उतरकर ट्रैफ़िक की ओर चली गई थी. लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ. क्या हम किसी लड़की की मौत का इंतज़ार कर रहे हैं?’

YouTube

बस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट में छेड़छाड़ की घटना आम नहीं है, यही न?

अब अगर आपको ये बताया जाए कि दिल्ली में किस स्थान पर, ‘महिलाओं के स्तनों को छुआ’ या ‘उनके अंडरगार्मेंट्स की झलक पाई’ या फिर ‘किसी पर अपना Penis Rub किया जा सकता है’ ये सब जानकारी पाने की एक वेबसाइट भी है तो आप क्या कहेंगे?

यहां दिल्ली के लड़के आपस में Discuss करते हैं कि किस इलाके में आसानी से महिलाओं को Grop किया जा सकता है.

Website

ये सिर्फ़ कोई Porn या Sex Chat साइट नहीं है. यहां इस बात पर Poll भी होता है कि कितने प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो ‘लेडीज़ सीट के पास खड़े होते हैं ताकी महिलाओं की ब्रा देख सके’ या फिर ‘जानबूझ कर महिलाओं को कोहनी से छूने की कोशिश की है’ या फिर ‘उनके कपड़ों के अंदर हाथ डाला हो’.

Website

क्या ये लोग समाज का हिस्सा बनने लायक हैं? यक़ीन करना मुश्किल है कि ऐसे लोग हम लोगों के बीच में ही पनप रहे हैं. इनकी पहचान करना मुश्किल है नामुमकिन नहीं.

शिवानी ने जिस बस रूट का ज़िक्र किया क्या नाकाबंदी कर उन लोगों नहीं पकड़ा जा सकता? या फिर हम महिलाओं का पैदा होना ही ग़लत है.

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