धार्मिक भावना बड़ी अजीब चीज़ होती है. ये सुबह उठते से ही आहत होने के लिए तैयार बैठी रहती है. वो हर वक़्त इसी ताक में रहती है कि कैसे उसे ठेस पहुंच जाए. ‘ठेस’ संभलने के लिए नहीं, बिगड़ने के लिए, अगले से लड़ने के लिए. मैं दावे के साथ कह सकता हूं, दुनिया में आप एक ऐसा काम नहीं कर सकते, जिससे किसी की धार्मिक भावनाओं को चोट न पहुंचे.
ये भावना कभी-कभी मॉरल पुलिसिंग की शक्ल भी ले लेती है. लोग दिन दहाड़े किसी को हड़काने लगते हैं, किसी को धमकाने लगते हैं, बस में हैं तो पीट भी देते हैं. भारत में तो ऐसा आए-दिन होता है. ऐसा और भी देशों में होता है. ये घटना ईरान की है.
एक लड़की जो अपने काम में लगी हुई थी, तभी उसके पास कुछ बुर्काधारी औरतें आती हैं और अपने काम से काम रख रही लड़की को कहती हैं कि तुमने अपना हिजाब सही से नहीं पहना है(लड़की ने हिजाब पहना था लेकिन बुर्काधारियिों के हिसाब से सही तरीके से नहीं पहना था.)
चाहती तो लड़की अपना हिजाब ठीक करके उन बुर्काधारियों का मनोबल बढ़ा सकती थी. लेकिन उसने ऐसा करना मुनासिब नहीं समझा. उल्टे उन पर ही भड़क गई और सुनी दिया कि तुम होती कौन हो मुझे ये बताने वाली और फिर हिजाब भी निकाल पर फेंक दिया.
ये पूरी घटना की वीडियो एक बंदे ने ट्वीट की है.
इस लड़की के साहस को सलाम है, आज की ये आवाज़ कई लड़कियों को कल मॉरल पुलिसिंग से बचाएगी.