ये हैं दुनिया के 15 सबसे अज़ीबो-गरीब रीति-रिवाज़ और परम्पराएं जिनपर भरोसा कर पाना मुश्किल है

Dhirendra Kumar

दुनिया भर में सभ्यता की शुरुआत से ही विभिन्न संस्कृतियों में अलग-अलग परंपराओं का पालन किया जा रहा है. जहां कुछ परम्पराएं बहुत ही सुखद होती हैं वहीं कुछ बहुत ही अजीबो-ग़रीब भी होती हैं. चलिए जानते हैं ऐसी ही कुछ विचित्र परंपराओं के बारे में:

1. Bomena एक भूटानी परंपरा है जिसमें पुरुष किसी अविवाहित लड़की के घर में घुस सकता है, उसके साथ रात बिताने के लिए. 

भूटान के पूर्वी हिस्सों में प्यार और शादी की तलाश में नौजवान रात को अलग तरह के शिकार पर निकलते हैं. लड़का चुपके से किसी कुंवारी लड़की के घर में उसके साथ रात बिताने के लिए घुसता है. अगर वो लड़की के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे सजा के रूप में लड़की से शादी करनी होती है या खेत में काम करना पड़ता है. इस परंपरा पर बहुत बहस हो रही है क्योंकि ये महिलाओं के अधिकारों के ख़िलाफ़ है.

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2. जापान में लिंग के आकार की एक बड़ी मूर्ति की पूजा की जाती है.

इस जलसे को कनमारा मात्सुरी के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें भक्त एक लिंग के आकार की एक बड़ी मूर्ति को सड़कों पर घूमाते हैं. ये त्योहार पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है और यहां जुटाए गए पैसे HIV से जुड़ी रिसर्च पर ख़र्च किया जाता है.

3. अमेज़ॅान के जंगलों में एक स्थानीय जनजाति मृतकों के शरीर को खाने में यकीन रखती है.

सुनने में भले ही विचित्र लगे मगर अमेज़ॅान वर्षावनों में रहने वाले यानोमामी जनजाति के लोग मानते हैं कि किसी व्यक्ति की आत्मा को शांति मिले इसके लिए उसके मृत शरीर को ऐसे नहीं छोड़ा जाना चाहिए. इसलिए वो शव को खा जाते हैं. साथ ही दाह संस्कार करने के बाद प्राप्त होने वाली राख और हड्डी के पाउडर को एक पौधे के सूप में मिलाया जाता है और मृतक के परिवार द्वारा इसका सेवन किया जाता है. वे ये भी मानते हैं कि ऐसा करने से उनके खोए हुए प्रियजनों की आत्मा उनके भीतर निवास करेगी. 

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4. भारत के कुछ हिस्सों में छोटे बच्चों को छत से फेंक दिया जाता है.

जी हां, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में जमीन से 15-30 फ़ीट ऊपर, मंदिरों की छत से बच्चों को फेंक दिया जाता है. भक्त नीचे कंबल पकड़ कर खड़े रहते हैं जो बच्चों को बचा लेते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे को अच्छी किस्मत मिलती है. इस प्रथा पर 2011 में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन इसका पालन शायद ही हुआ.

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5. बाली में नवविवाहित जोड़ों को व्यस्क होने के प्रतीक के रूप में अपना दांत घिसवाना होता है.

शादी करने से ठीक पहले बाली के पुरुष और महिलाओं को अपने दांत घिसवाने पड़ते हैं. इस रिवाज़ को व्यक्ति के व्यस्क होने की निशानी के तौर पर देखा जाता है. इसे लालच, वासना, क्रोध और ईर्ष्या जैसी भावनाओं पर नियंत्रण का प्रतीक माना जाता है.

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6. नाइजर में जेरेवोल उत्सव एक वार्षिक उत्सव है जिसमें पुरुष महिलाओं को प्रभावित करने और उनके दिल को जीतने के लिए सज-धज कर आते हैं. 

यह वार्षिक उत्सव वोडाबे जनजाति में होता है. महिलाओं को लुभाने के लिए पुरुष इसमें सज-धज कर आते हैं. वो एक डांस प्रतियोगिता में भी भाग लेते हैं, जिसमें विजेता को उसके डांस और सुंदरता के आधार पर चुना जाता है.

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7. जर्मनी में नवविवाहित जोड़ों को अपने परिवार के सदस्यों द्वारा तोड़े गए पुराने बर्तनों को साफ़ करना पड़ता है.

Polterabend शादी से पहले अदा की जाने वाली एक रस्म है जिसमें दूल्हा और दुल्हन के दोस्त और परिवारवाले बर्तन तोड़ते हैं और शादी करने जा रही जोड़ी को सफ़ाई करनी पड़ती है. ऐसा माना जाता है कि इससे बुरी आत्माओं को दूर रखने में मदद मिलती है.

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8. रोम में मृतकों की कब्र में पाइप के माध्यम खाना पहुंचाया जाता है. 

हां, आपने सही पढ़ा. रोमन मृतकों को खाना खिलाने में यकीन रखते हैं. वास्तव में कब्रों में पाइप होते हैं जिसके माध्यम से मृतक के परिजन शहद, शराब और अन्य खाने वाली चीज़ें कब्र में डालते हैं. ऐसा मृतकों को ख़ुश करने के लिए और सम्मान देने के लिए किया जाता है.

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9. स्कॉटलैंड में शादी से पहले ‘ब्लैकनिंग’ नाम की एक रस्म निभाई जाती है जिसमें दुल्हन पर गंदी चीज़ें फ़ेंकी जाती है.

इस रस्म में अंडा, खराब दूध सहित कई घटिया चीज़ें होने वाली दुल्हन पर फेंकी जाता है. फिर इसी हालत में उससे परेड कराई जाती है. इसे शादी के बाद आने वाली चुनौतियों का प्रतीक माना जाता है.

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10. इंडोनेशिया में दानी जनजाति की महिलाओं को परिवार के किसी सदस्य के मरने के बाद अपनी अंगुली के एक हिस्से को काटना पड़ता है.

इंडोनेशिया में दानी जनजाति इस परंपरा का पालन करती आ रही है जिसमें परिवार के किसी सदस्य के गुज़र जाने के बाद महिलाओं को अपनी अंगुलियों के एक हिस्से को काटना पड़ता है. भावनात्मक दुख से गुज़रने के साथ -साथ महिलाओं को शारीरिक दर्द भी झेलना पड़ता है.

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11. चीन में पुरुष अपनी गर्भवती पत्नियों को जलते हुए कोयले के ऊपर ले कर चलते हैं ताकि बच्चे की डिलीवरी आसानी से हो जाए.

यहां ये माना जाता है कि अगर पति अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर जलते हुए कोयले पर नंगे पैर चले तो उसकी पत्नी को आसान प्रसव होगा. इसके अलावा वो मानते हैं कि इससे होने वाले पिता के दिल में मां और होने वाले बच्चे के प्रति प्रेम और करुणा की परीक्षा होती है.

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12. Northern Borne में नवविवाहितों को तीन दिनों के लिए बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने दिया जाता है.

Northern Borne की Tidong जनजाति इस विचित्र रिवाज़ का पालन करती है. नव-विवाहिताओं को उनकी शादी के बाद तीन दिनों के लिए बाथरूम का उपयोग नहीं करने दिया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस रिवाज़ को निभाने से दंपति सुखी वैवाहिक जीवन जीते हैं.

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13. मेडागास्कर में मालागासी जनजाति शवों के साथ डांस करती है.

मालागासी जनजाति में फ़ेमाडीहना प्रथा के तहत लोग शवों के साथ नाचते हैं. वे अपने पूर्वजों के शवों को उनकी कब्रों में से निकालने के बाद, शव को नए कपड़े में लपेटते हैं संगीत पर कब्र के चारों ओर नाचते हैं. ये परंपरा सात साल में एक बार की जाती है.

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14. तुर्की में हर साल एक उत्सव में दो ऊंटों को आपस में लड़ाया जाता हैं. 

कभी ऊंट की लड़ाई के बारे में सुना है? इस लड़ाई को तुर्की के लोग काफ़ी रोमांचक मानते हैं. ये कार्यक्रम ऊंटों के Mating Season के दौरान आयोजित किया जाता है क्योंकि इस समय नर ऊंटों की एक-दूसरे से लड़ने की प्रवृत्ति ज़्यादा होती है.

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15. थाईलैंड में करेन जनजाति की महिलाएं अपने गर्दन को लंबा करने के लिए छल्ले पहनती हैं.

थाईलैंड की करेन जनजाति किसी कारण से लंबी गर्दन के पीछे मोहित हो गए और वे इसे पाने के चक्कर में काफ़ी लंबा रास्ता तय कर चुके हैं. जनजाति की महिलाएं अपने गले के आकार को लंबा करने के लिए गर्दन में छल्ले पहनती हैं. इसे वो सुंदरता के प्रतीक के रूप में देखती हैं. 5 साल की उम्र होते ही लड़कियां अपने गले में छल्ले पहनना शुरू कर देती हैं.

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कुछ मज़ेदार तो कुछ डरावने! 

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