एक आदर्श ज़िलाधिकारी कैसा होना चाहिए, इसका जवाब हैं मोतीहारी ज़िले के डीएम रमन कुमार

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भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है. इस देश को चलाने के लिए हम सरकार चुनते हैं. सरकार को चलाने के लिए ब्यूरोक्रैट्स की फ़ौज तैयार की जाती है. देश की आतंरिक मज़बूती में ब्यूरोक्रैट्स का अहम योगदान होता है. एक आईएएस या पीसीएस अधिकारी चाहे तो वो जनता की हर परेशानी को दूर कर सकता है, लेकिन इसके लिए उनका अपने काम के प्रति ईमानदारी और सच्ची लगन को होना ज़रूरी है.

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सोशल मीडिया के इस दौर में हमें अकसर कई आईएएस या पीसीएस अधिकारियों के नेक कार्य देखने को मिलते रहे हैं. बिहार के मोतीहारी ज़िले के डीएम रमन कुमार इन दिनों एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. रमन कुमार अकसर अपने अच्छे कार्यों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इस बार कुछ ऐसा कर दिखाया है जिस पर यक़ीन कर पाना थोड़ा मुश्किल है.

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कुछ समय पहले डीएम रमन कुमार ने स्वच्छता अभियान के तहत क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया, तो उन्हें स्कूल में कुछ भी ठीक नहीं लगा. स्कूल कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा था. इस दौरान डीएम साहब कभी शिक्षक, कभी सफ़ाई कर्मी तो कभी अभिभावक की भूमिका में नजर आए. स्कूल के चारों ओर फ़ैली गंदगी को देखने के बाद डीएम साहब ने एक हाथ में झाड़ू तो दूसरे हाथ में पानी से भरी बाल्टी पकड़ ली.

डीएम ने ख़ुद की टॉयलेट की सफ़ाई

निरीक्षण के दौरान रमन कुमार स्कूल की साफ़ सफ़ाई के साथ-साथ गंदे पड़े टॉयलेट्स की सफ़ाई भी करने लगे. उनकी नज़र जब स्कूल के टॉयलेट्स पर पड़ी तो वो ये नज़ारा देखकर हैरान थे कि आख़िर बच्चे इनका इस्तेमाल कैसे करते होंगे. रमन कुमार तुरंत एक हाथ में झाड़ू तो एक हाथ में पानी की बाल्टी लेकर टॉयलेट्स की सफ़ाई में लग गए.

बिना नहाए स्कूल आए बच्चों को नहलाया

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निरीक्षण के दौरान रमन कुमार न सिर्फ़ स्कूल की साफ़-सफ़ाई करते दिखे, बल्कि जो बच्चे घर से नहाकर नहीं आये थे उनको ख़ुद अपने हाथों से नहलाकर तौलिये से साफ़ भी करने लगे. जब बच्चों के अभिभावकों को पता चला कि रमन कुमार स्कूल में आये हैं, तो वहां लोगों की भीड़ लग गई. इसके बाद डीएम साहब ने बच्चों और उनके अभिभावकों को स्वच्छ रहने की सलाह दी और उनको स्वच्छता के प्रति जागरूक किया.

शिक्षकों और अभिभावकों को नसीहत

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डीएम ने स्कूल में उपस्थित शिक्षकों की क्लास लगाते हुए कहा कि ‘चम्पारण का रण’ अभियान के तहत हर शिक्षक का फ़र्ज बनता है कि वो बच्चों को न केवल शिक्षा, बल्कि स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाएं. जबकि अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि वो अपने बच्चों को स्कूल सिर्फ़ ड्रेस और साइकिल के लिए ही नहीं, बल्कि अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी भेजें, ताकि कल ये बच्चे शिक्षित होकर देश के ज़िम्मेदार नागरिक बन सकें.

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