प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए मुरथल के मशहूर ढाबे ने खोले अपने दरवाज़े, लोग कर रहे हैं तारीफ़

Abhay Sinha

पंजाब, हरियाणा के हज़ारों किसान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली कूच करने पर अड़े हैं. सरकार इन किसानों को रोकने की पूरी कोशिश कर रही है. बॉर्डर बंद होने के बाद भी सरकार को आंसू गैस के गोले और वॉटर कैनन का सहारा लेना पड़ा है.

postintrend

इस बीच एक ढाबे ने इन भूखे-प्‍यासे किसानों की मदद के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए हैं. किसानों की मदद के लिए मुरथल का मशहूर अमरीक सुखदेव ढाबा किसानों को तीन दिनों तक लंगर खिला रहा है.

किसानों द्वारा खाए जा रहे लंगर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इसमें किसान ढाबे के अंदर बैठकर खाना खाते नज़र आ रहे हैं. 

ढाबे वालों का कहना है कि सिख समुदाय सेवा पर यकीन रखता है. ऐसे में जब हमने फंसे हुए किसानों को देखा तो उन्हें खाना ऑफ़र किया. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर आगे भी ज़रूरत हुई तो उनके दरवाज़े किसानों के लिए हमेशा खुले हैं.

इंटरनेट पर वीडियो सर्कुलेट होने के बाद लोग इस ढाबे की जमकर सराहना कर रहे हैं.

बता दें, काफ़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के पहुंचने के बावजूद कई किसानों का कहना है कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में नहीं जाएंगे, जहां उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है. उनका कहना है कि उन्हें जंतर-मंतर जाने की इजाज़त दी जाए, नहीं तो यहीं प्रदर्शन करेंगे.

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 3 दिसंबर को 32 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया है. हालांकि, किसानों का कहना है कि सरकार या तो नए कृषि कानून को वापस ले या फिर उसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी दे. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे