पिछली तीन पीढ़ियों से रावण के पुतले बना रहा ये मुस्लिम परिवार, धार्मिक सद्‌भाव की मिसाल है

Ishi Kanodiya

त्यौहार का विचार मन में आते ही ख़ुशनुमा माहौल सा बन जाता है. त्यौहार के समय वो माहौल होता है जब लोग जाति-धर्म से उठ कर मिल जुल कर खुशियां मनाते हैं. एक ऐसी ही ख़बर हम लेकर आए हैं. 

विजयदशमी से पहले मथुरा का रहने वाला ये मुसलमान बना रहा है रावण के पुतले. 

मथुरा के पास रहने वाले जफ़र अली ने कहा कि उनका परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से ये काम कर रहा है और ये देश में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की मिसाल है. 

अली ने ANI को बताया, ‘हमारा परिवार रावण का पुतला कई पीढ़ियों से बनाता आ रहा है. हम इसे हिंदू-मुस्लिम की एकता दिखाने के लिए करते हैं. हां, हम मुस्लिम हैं लेकिन हम ये भी करते हैं.’ 

इस साल वो रावण का 100 फुट ऊंचा पुतला तैयार कर रहे हैं, जिसे शहर के रामलीला मैदान के पास जलाया जाएगा. 

जफ़र अली के साथ काम करने वाले आमिर बताते हैं. ‘ये काम हमारा धर्म है. मेरे पिता जी भी रावण का पुतला बनाते थे. पिछले 40 सालों से मैं ये काम कर रहा हूं. राजनीतिक नेता लोगों को धर्म के नाम पर बांटते हैं. हमारे लिए हिंदू और मुसलमान एक समान हैं.’ 

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए मनाया जाता है. 

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