इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता! वाराणसी में मुस्लिम युवकों ने किया हिंदू लड़की का अंतिम संस्कार

Akanksha Tiwari

हिंदुस्तान एक ऐसा देश है, जहां अकसर ही हिंदू-मुस्लिम की एकता की मिसाल दिखाई देती है. हाल ही में एक ऐसा ही किस्सा वाराणसी में भी देखने को मिला. जहां कुछ मुस्लिम युवकों ने सांप्रदायिकता की मिसाल पेश करते हुए एक हिंदू लड़की का अंतिम संस्कार कराया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते रविवार हरहुआ डीह क्षेत्र की रहने वाली 19 वर्षीय सोनी की मृत्यु हो गई. सोनी कुछ समय से मलेरिया से ग्रसित थी, जिस वजह से उसे बचाया नहीं जा सका. 

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कुछ साल पहले मृतक सोनी के पिता होरीलाल विश्वकर्मा को लकवा मार गया था. इसके साथ ही उसकी मां भी दिल की बीमारी से जूझ रही है. इसलिये घर की सारी ज़िम्मेदारी अकेले उसके भाई कंधों पर है. सोनी के निधन के बाद पड़ोस में रहने वाले कुछ मुस्लिम लोग होरीलाल के घर आये और उन्होंने सोनी के अंतिमसंस्कार में उसके भाई की मदद की.  

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मुस्लिम युवकों ने मृतिका के भाई से कहा कि उसे दाह संस्कार को लेकर टेंशन लेने की ज़रूरत नहीं है. इन लोगों ने न सिर्फ़ सोनी के शव को कंधा दिया, बल्कि पूरे रास्ते ‘राम नाम सत्य है’ के नारे भी लगाए. मुस्लिम युवाओं ने हिंदू धर्म के रीति-रिवाज का पालन करते हुए सोनी के शव को मणिकर्णिका घाट तक पहुंचाया. इसके साथ इन्होंने इस परिवार को अंतिम संस्कार के लिये आर्थिक सहयोग भी दिया. 

 ये ख़बर जानने वाला हर शख़्स इन युवाओं के इस कदम की सराहना कर रहा है. 

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