नमकीन फ़ैक्ट्री में काम करते हुए देश की सेवा करने का सपना देखने वाला ये शख़्स आज आर्मी ऑफ़िसर है

Akanksha Tiwari

कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. क्या पता छोटा काम करते-करते आपको अपने बड़े से सपने की मंज़िल मिल जाये. इस छोटी सी लाइन का बड़ा उदाहरण पेश किया है 28 साल के बालबांका तिवारी ने. कभी नमकीन फै़क्ट्री में काम करने वाले बालबांका तिवारी आज भारतीय सेना का हिस्सा हैं. भारतीय सेना का हिस्सा बन न सिर्फ़ उन्होंने अपने सपने को पूरा किया, बल्कि घर और गांववालों को गौरवान्वित भी किया. बालबांका के पिता एक किसान हैं और बीते शनिवार उन्होंने भारतीय मिलिट्री अकैडमी (IMA) से अपनी ग्रेजुएशन पूरी की.

indiaretailing

कैसे पूरा किया अपना सपना? 

बालबांका कहते हैं कि 12वीं पास करने के बाद उन्हें अर्रा में कोई भविष्य नहीं दिख रहा था. इसलिये वो वहां से निकल कर ओडिशा के राउरकेला चले गये. वहां जाकर उन्होंने लोहे की फ़ैक्ट्री में नौकरी की. इसके बाद वो नमकीन फ़ैक्ट्री से जुड़ गये. काम करते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और भारतीय सेना में शामिल होने का सपना देखते रहे.

indiatimes

बालबांका बताते हैं कि 2012 में दूसरे ही प्रयास में वो भोपाल के EME सेंटर में परीक्षा पास करने में सफ़ल रहे थे. पांच साल तक सिपाही के तौर पर कार्यरत रहने के बावजूद उन्होंने आर्मी कैडेट कॉलेज की पूरी तैयारी की. आखिरकार 2017 में उन्हें सफ़लता मिल गई. वो देश की सेवा करने के लिये बेहद उत्साहित हैं.

indiatimes

अपनी सफ़लता से ख़ुश बालबांका कहते हैं कि आर्मी में शामिल होने की प्रेरणा उन्हें अपने एक रिश्तेदार से मिली थी. रिश्तेदार को मिलने वाले सम्मान से वो इतना प्रभावित हुए कि देश की सेवा में ज़िंदगी बिताने का फ़ैसला कर लिया. 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे