सुबह-सुबह जब पेरेंट्स पंखा बंद कर उठने को कहते हैं, तो बहुत ही बुरा लगता है. अगर आपको भी देर तक सोना पसंद है, तो आपके लिए एक आरामदायक जॉब का ऑफ़र है. अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा कुछ ऐसे लोगों को तलाश रही है, जो पूरे दिन बिस्तर पर सो सकें.
दरअसल, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक एक्सपेरिमेंट कर रही है. इसका नाम है Artificial Gravity Bed Rest Study. इस स्टडी के लिए वो ऐसे कैंडिडेट्स की तलाश कर रही है, जो 60 दिनों तक लगातार बिस्तर पर सो सकें.
हर कैंडिडेट को मिलेगें 13 लाख रुपये
इस दौरान उन्हें खाना, नहाना और यहां तक कि टॉयलेट भी लेटे हुए ही करना होगा. खाना भी सिंपल डाइट वाला मिलेगा. इस काम के लिए वो हर कैंडिडेट को करीब 13 लाख रुपये देने को तैयार है. नासा को ऐसे 24 वॉलंटियर्स की तलाश है, जिनकी उम्र 24-55 साल की हो.
ये स्टडी जर्मनी में सितंबर-अक्टूबर के दौरान की जाएगी. इस रिसर्च के दौरान सभी कैंडिडेट्स को अलग-अलग रूम्स में रखा जाएगा. ज़ीरो ग्रैविटी वाले इस रूम में उनका बेड 6 डिग्री उठा होगा और सिर नीचे और पैर ऊपर की ओर होंगे. स्टडी के दौरान वॉलंटियर्स के शरीर में होने वाले बदलावों को नासा के एक्सपर्ट्स टीम मॉनिटर करेगी.
क्या है मकसद ?
इसका मकसद ये जानना है कि स्पेस में यानी ज़ीरो ग्रैविटी में मानव शरीर में क्या बदलाव होते हैं. क्योंकि लंबे समय तक स्पेस में रहने पर अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियां में असामान्य क्रियाएं होने लगती हैं. इसके साथ ही Body Fluids भी सिर की तरफ़ आ जाते हैं. 2017 में भी नासा ने ऐसा ही एक्सपेरिमेंट किया था. इसकी अवधि 30 दिनों की थी, जिसमें 11 लोगों ने हिस्सा लिया था.
अगर आपको सोना पसंद है, तो जल्दी से नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक इस जॉब के लिए अप्लाई कर दीजिए.