मृत पिता को दफ़नाने की कोशिश कर रहे थे बच्चे, केरल पुलिस ने जबरन रोका. जानिये क्या है पूरा मामला

Sanchita Pathak

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ टीनेजर्स अपने पिता को दफ़नाने के लिए पुलिस से विनती कर रहे हैं. Hindustan Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये वीडियो केरल के ज़िला तिरुवनंतपुरम नैय्यातिंकारा का है

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क्या है पूरा मामला? 

Matrubhumi की रिपोर्ट के अनुसार, नैय्यातिंकारा के लक्ष्मीवीडू कॉलोनी में 47 वर्षीय राजन और उसकी पत्नी अम्बिली और बच्चे रहते थे. इस जोड़ने को एविक्शन नोटिस दिया गया. राजन और अम्बिली ने घर न छोड़ने की कोशिश में आत्महत्या करने की धमकी दी और ख़ुद को आग लगा ली. राजन को 70 प्रतिशत बर्न्स आये और बीते रविवार को उसने दम तोड़ दिया.  

पुलिस और कुछ अधिकारी राजन और अम्बिली को कोर्ट ऑर्डर के आधार पर घर ख़ाली करवाने के लिए आये थे. राजन और अम्बिली ने ख़ुद पर पेट्रोल डाल लिया और ख़ुद को आग लगाने की धमकी दी. एक पुलिस वाले ने उनके हाथ से लाइटर फेंकने की कोशिश की और आग फैल गई.  
राजन ने बयान दिया कि वो ख़ुद को आग नहीं लगाना चाहता था और पुलिस ने लाइटर फेंकने की कोशिश की इससे आग लग गई. जब राजन और अम्बिली का इलाज चल रहा था तब उनके बच्चों ने सोशल मीडिया के ज़रिये ये बात सबको बताई. 

Mathrubhumi
Mathrubhumi

बच्चों की मांग 

The News Minute की रिपोर्ट के अनुसार, रोते-रोते राजन और अम्बिली का बेटा पिता की मृत्यु के बाद अस्पताल के बाहर से रो-रोकर केरल के मुख्यमंत्री से ये गुहार लगा रहा था, 

मरने से पहले मेरे पप्पा ने मेरा हाथ पकड़ा… उन्होंने कहा कि उन्हें वहीं दफ़नाना है जहां वो रहते थे. ये मेरे पप्पा की आख़िरी ख़्वाहिश थी और ये पूरी होनी चाहिए. मैं मुख्यमंत्री जी से निवेदन करता हूं कि वो कोई ऑर्डर जारी करें. इसके बाद ही मेरे पप्पा को शांति मिलेगी. 

-राजन और रंजीत

The News Minute

राजन के छोटे बेटे, रंजीत ने कहा कि पुलिस ऑफ़िसर की वजह से राजन की जान गई. इसके साथ ही सवाल भी उठाया कि जब कोई लाइटर पकड़े खड़ा है तो क्या ऐसा करना चाहिए? 

Mathrubhumi की रिपोर्ट के अनुसार, राजन के पड़ोसी, वसंथा ने नैय्यातिंकारा प्रिंसिपल मुंसिफ़ कोर्ट में बीते जनवरी में अर्ज़ी डाली की राजन ने उसकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है. कोर्ट का आदेश था कि उस ज़मीन पर कोई कन्स्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता.  
राजन और उसका परिवार कोविड के दौर में उस जगह पर छोटा सी झोपड़ी बनाकर रहता था. राजन का कहना था कि उसने ये झोपड़ी अपनी ज़मीन पर बनाई थी. वसंथा ने दोबारा कोर्ट में अपील की और कोर्ट ने वक़ील कमीशन अपॉयंट किया. राजन के विरोध की वजह से वक़ील का कमीशन ज़मीन खाली नहीं करवा पाया. इसके बाद वक़ील कमीशन पुलिस लेकर आई थी. इस घटना के बाद पुलिस ने राजन पर आत्महत्या की कोशिश करने और अधिकारियों को अपना काम करने से रोकने के तहत मुक़द्दमा दर्ज किया लेकिन राजन ने दम तोड़ दिया.  

राजन के बेटे राहुल और रंजीत ने बताया कि घटना के 20 मिनट के अंदर ही कोर्ट ने एविक्शन नोटिस पर स्टे लगा दिया.  

बच्चों ने की दफ़नाने की कोशिश 

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Hindustan Times की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों ने उसी जगह पर अपने पिता की क़ब्र खोदने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहकर रोका कि वो कोर्ट के ऑर्डर के ख़िलाफ़ जा रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में बच्चे रोते-रोते कह रहे हैं कि पुलिसवालों की वजह से उसके पिता की मृत्यु हुई. पप्पा ने उसी जगह पर दफ़नाने के लिए कहा था.  

इस पूरी घटना में एक पुलिसवाले को भी बर्न इंजरी हुई है. Dying Declaration में राजन ने एक मजिस्ट्रेट से कहा कि धमकियां और पुलिस अधिकारी ही उसकी मौत के ज़िम्मेदार है.  
केरल के कई नेताओं और संस्थाओं ने बच्चों की मदद करने का आश्वासन दिया है.  

डीजीपी ने दिये मामले की जांच के आदेश

Mathrubhumi की रिपोर्ट के मुताबिक़, डीजीपी ने राजन और अम्बिली की मौत के जांच के आदेश दिए हैं. बच्चों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के आरोपों के बाद ये आदेश दिया गया है. तिरुवनंथपुरम के रूरल एसपी बी.अशोक जांच टीम के हेड होंगे.

कई लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में ये बात आ रही है कि राजन ने वक़्त मांगा था जो उसे नहीं दिया गया. ये भी कहा जा रहा है कि कोई रेवेन्यु ऑफ़िसर पुलिस के साथ नहीं था.

नोट: वीडियोज़ विचलित कर सकते हैं इसलिए हमने वीडियोज़ अपलोड नहीं किए हैं.

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