कनाडा में मौसम मंगल ग्रह से भी ठंडा होने के कारण Niagra Falls जम गया है और ये वाकई अद्भुत है

Vishu

ग्लोबल वार्मिंग के चलते देश और दुनिया के कई हिस्सों को हैरतअंगेज़ तापमान का सामना करना पड़ रहा है. कनाडा में इस समय तापमान मंगल ग्रह से भी ज़्यादा ठंडा है और इसके चलते वहां के लोग कई तरह के अद्भुत अनुभवों से रूबरू हो रहे हैं. उत्तरी अमेरिका और कनाडा में इस समय इतनी ठंड पड़ रही है कि मशहूर नियाग्रा फ़ॉल्स भी लगभग जम चुका है.

एक स्थानीय होटल की वेबसाइट के अनुसार, नियाग्रा फ़ॉल्स में पानी हमेशा बहता रहता है. बेहद ज़्यादा ठंड होने पर नियाग्रा नदी के ऊपरी सतह पर बर्फ़ जमा हो जाती है और बर्फ़ का एक ब्रिज बन जाता है. ठंडे तापमान और पर्याप्त मात्रा में बर्फ़ होने पर पानी का बहाव भले ही धीमा हो जाए लेकिन ये पूरी तरह से रुकता नहीं है.

नियाग्रा फ़ॉल्स की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आज से 150 साल पहले यानि 1848 में ये देखा गया था कि नियाग्रा फ़ॉल्स पूरी तरह से जम गया था. लेकिन ये लगभग नामुमकिन है कि नियाग्रा फ़ॉल्स अब पूरी तरह से जम जाए. वेबसाइट का दावा है कि महज कुछ दिनों के ठंडे मौसम के चलते नियाग्रा फ़ॉल्स पूरी तरह से जमने वाला नहीं है.

2014 में नियाग्रा फ़ॉल्स को लेकर अफ़वाहें उड़ी थीं कि ये फ़ॉल्स पूरी तरह से जम गया है. लेकिन कई रिपोर्ट्स में ये सामने आया था कि नियाग्रा फ़ॉल्स के जमने की जो तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, वो बेहद पुरानी है और 2014 में नियाग्रा फ़ॉल्स के जमने की ख़बर पूरी तरह से फ़र्ज़ी थी.

नियाग्रा फ़ॉल्स से हर सेकेंड 3000 टन पानी गिरता है. हज़ारों लाखों गैलन पानी एक फ़ॉल से दूसरे और दूसरे से तीसरे फ़ॉल पर गिरता है जिसके चलते नियाग्रा फ़ॉल्स बनता है. हालांकि, ये भी सच है कि नियाग्रा फ़ॉल्स पर कुछ दुर्लभ क्षण ऐसे भी आए हैं जब बेहद सख़्त बर्फ़ जमती है और लोग यहां वॉक तक करने लगते हैं. 

1912 में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी जिसमें Ice Bridge पर तीन दर्जन लोग खड़े थे. बर्फ़ के एक बड़े टुकड़े के इस ब्रिज पर गिरने से ये ब्रिज टूट गया था. इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी और इन लोगों की बॉडी को आज तक ढूंढा नहीं जा सका है. इस घटना के बाद बर्फ़ के इस ब्रिज़ पर चलने पर रोक लगा दी गई थी.

नेशनल वेदर सर्विस के मुताबिक, इस हफ़्ते लगातार बर्फ़ पड़ने की उम्मीद है. इस दौरान तापमान 8 डिग्री से 21 डिग्री फ़ारेनहाइट के बीच रह सकता है. ठंडी हवाओं के चलते तापमान ज़ीरो डिग्री से कम रहने की संभावना है.

Source: WashingtonPost

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