एक्सरसाइज़ नहीं करोगे तो सिकुड़ने लगेगा दिमाग. ये हम नहीं, साइंस कहती है

Smita Singh

एक नए अध्ययन में सामने आया है कि अगर आप एक्सरसाइज़ नहीं करते तो कुछ सालों बाद आपका मस्तिष्क (ब्रेन) औरों की तुलना में छोटा रह जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो सुस्त जीवनशैली वाले लोगों का मस्तिष्क समय से पूर्व ही थक जाता है.

30 से 40 वर्ष के स्त्री-पुरुषों को इस अध्ययन में शामिल किया गया था. इस दौरान ट्रेडमिल को उनकी फिटनेस आंकने के लिए इस्तेमाल किया गया. इस दौरान पाया गया कि जो लोग कम फिट हैं, उनके दिल की धड़कन फिट लोगों की तुलना में ज़्यादा तेजी से बढ़ी.

20 साल बाद 2000-2001 में इस अध्ययन में हिस्सा ले चुके सभी स्त्री-पुरुषों को दोबारा फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया गया. इस बार उन सभी का एमआरआई भी किया गया. रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. जो लोग कम फिट वाली कैटेगरी में थे, उनके ब्रेन का साइज़ फ़िट लोगों की तुलना में छोटा था. जिन लोगों का पहले टेस्ट के दौरान हार्ट बीट रेट ज़्यादा था, उनके ब्रेन अपेक्षाकृत छोटे पाए गए. 

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि हाई ब्लड प्रेशर वाले पुरुष और महिलाएं ब्रेन के सिकुड़ने के प्रति ज़्यादा संवेदनशील होते हैं. यह सुस्त जीवन का संकेत है.

अध्ययन के मुताबिक, जो लोग 20 प्रतिशत तक कम फिट थे, वे ऑक्सीज़न की कम खपत कर पा रहे थे, उनका हार्ट बीट रेट सामान्य से 17 बीट ज़्यादा था और ब्लड प्रेशर सामान्य से 14 प्वाइंट ज़्यादा था. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि यह शोध बड़े स्तर पर नहीं किया गया है, इसलिए इन परिणामों से एक ये सलाह मिलती है कि जीवन के मध्य के वर्षों में फिटनेस का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है, खास तौर पर उनके लिए जो पहले से ही दिल की बीमारियों के लिए ज़्यादा संवेदनशील हैं.

इस स्टडी ने आखिरकार साबित कर दिया है कि स्वस्थ मस्तिष्क के लिए स्वस्थ शरीर की ज़रूरत होती  है, जो कि एक्सरसाइज़ से मिल सकता है. बात मानो और एक्सरसाइज़ करना शुरू कर दो, नहीं तो देख लेना, आपका दिमाग भी छोटा रह जाएगा.

एक्सरसाइज़ नहीं कर पाते तो ये करिए

-जब भी लिफ्ट और सीढ़ियों का विकल्प आपके पास हो तो सीढ़ियों का प्रयोग करें. 

-सुबह उठकर थोड़ी-सी वॉक करना आपके लिए बहुत ज़्यादा काम करती है. 

-बाज़ार पास में हो तो दूध, सब्जी लेने के लिए पैदल जाना बेहतर होगा.

-ऑफिस क़रीब है तो जल्दी निकलें और पैदल ही जाने की कोशिश करें.

-सबसे ज़रूरी है कि अपने छोटे-छोटे काम ख़ुद करें और एक्टिव रहें.

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