मौलवियों ने लिया फ़ैसला, अगर घर में शौचालय न हुआ, तो नहीं कराएंगे निकाह

Kundan Kumar

शौचालय नहीं तो, शादी नहीं. हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मौलवी और मुफ्तियों ने ये तय किया है कि वो उस घर में निकाह नहीं पढ़वाएंगे, जिस घर में शौचालय न हो.

जमात उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद ए. मदानी ने कहा कि इन तीन राज्यों में मुसलमानों के घर में शादी के लिए शौचालय का होना अनिवार्य है. जल्द ही पूरे भारत में भी इस फ़ैसले को लागू करने की योजना है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के मौलवियों और मुफ़्तियों ने मिल कर ये फ़ैसला लिया कि वो उन मुसलमानों के घर की शादियों में या निकाह में हिस्सा नहीं लेंगे जहां शौचालय न हों.

राज्यसभा के सांसद रह चुके मौलाना महमूद ने इन बातों का उल्लेख पिछले सप्ताह खानपारा में Assam Conference On Sanitation (ASCOSAN) 2017 के उद्घाटन समारोह में किया. उन्होंने कहा कि, मुझे ऐसा लगता है देश के सभी धर्मगुरुओं को एक साथ ये फ़ैसला लेना चाहिए कि वो उस घर के समारोह या संस्कारों में शिरकत नहीं करेंगे, जहां शौचालय न हो. दो तरह की सफ़ाई होती है- पहला घर के अंदर और दूसरा घर के बाहर और दोनों एक दूसरे पर निर्भर होती है. हम शरीर को साफ-सुथरा कर सिर्फ़ अंदर की सफाई कर सकते हैं.

स्वच्छता पर अपना मत रखते हुए उन्होंने लोगों से शौचालय इस्तेमाल करने का आह्वान किया और असम के साथ-साथ पूरे भारत को स्वच्छ रखने की बात कही.

Representational Feature Image : IBNKhabar

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