मज़दूरों के शहरों से अपने घर लौटने के बाद, विशेषज्ञों को ये चिंता हो रही थी कि ग्रामीण और सेमी-अर्बन क्षेत्रों में भी कोरोना और तेज़ी से फैलेगा.
इन सबके बीच उत्तर प्रदेश से एक राहत देने वाली ख़बर आई है. The Indian Express की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश लौटे मज़दूरों में से सिर्फ़ 3 प्रतिशत ही कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.
इस डेटा से ये पता चलता है कि मज़दूरों के आगमन से उत्तर प्रदेश में पॉज़िटिव केस में इज़ाफ़ा नहीं हो रहा. उत्तर प्रदेश में पॉज़िटिविटी रेट, बाक़ी राज्यों से काफ़ी कम है. महाराष्ट्र में 18%, गुजरात में 8% और दिल्ली में 9% है, ज़्यादातर मज़दूर इन्हीं जगहों से लौटे हैं.
उत्तर प्रदेश ने अब तक 3,07,621 सैंपल टेस्ट किए हैं, टोटल टेस्टिंग का 24% ऐसे मज़दूरों पर किया गया है जो दूसरे शहरों से लौटे हैं.
मैं शुरू से कह रहा हूं कि मज़दूर से किसी तरह का ख़तरा नहीं हैं. लॉकडाउन के शुरुआत में ही उन्हें वापस लौटने में सहायता करनी थी. वायरस को देश में लाने में विदेश यात्रा करने वालों का हाथ है. उन्होंने और उनसे संपर्क में आने वालों ने वायरस फैलाया.
-के.श्रीनाथ.रेड्डी
रेड्डी ने ये भी कहा कि सावधानी बरतते हुए मज़दूरों को क्वारंटीन करना ज़रूरी है क्योंकि उनमें से ज़्यादातर Asymptomatic (लक्षण नहीं) हैं.