उल्लू इतना भी ‘उल्लू’ नहीं होता, ये बात आपको इस उल्लू का घर देख कर समझ आ जाएगी

Sumit Gaur

शाम होते ही पक्षी भी हमारी तरह अपने आशियाने की तरफ़ लौटने लगते हैं, पर कुछ जानवर ऐसे भी होते हैं, जो रात को शिकार की खोज में निकलते हैं. ऐसे ही निशाचरों में उल्लू एक जाना-पहचाना नाम है, जो अपना दिन सो कर गुज़ारने में ज़्यादा पसंद करते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही उल्लू से मिलवाने जा रहे हैं, जिसने अपना आशियाना पेड़ के ऐसे छेद में बनाया, जो आंखों के सामने होने के बावजूद आंखों से दूर है.

स्वीडन के फ़ोटोग्राफ़र Lars Eskilden ने नॉर्थ Stockholm के एक पेड़ की तस्वीर ली है, जिसमें उन्होंने एक आराम करते हुए उल्लू को कैद किया है. Eskilden की नज़र इस उल्लू पर तब पड़ी, जब वो अपने बीवी और बच्चों के साथ सैर के लिए निकले. 

Eskilden इस उल्लू को देख कर खुद भी आश्चर्यचकित थे कि रोज़ इस रास्ते से गुज़रने के बावजूद उनकी नज़र इस पर कभी नहीं पड़ी. इस बारे में 53 वर्षीय Eskilden कहते हैं कि ‘ये देखना अपने आप में काफ़ी आश्चर्यजनक था कि कैसे एक छोटे से छेद में उल्लू दुनिया की नज़रों से दूर महफूज़ था.’

Eskilden आगे कहते हैं कि ‘यहां ये उल्लू बड़े ही आराम के साथ सोया हुआ था. मैं खुद उसके उठने का इंतज़ार कर रहा था, जिससे मैं उसकी शिकार के समय की एक तस्वीर ले सकूं.’

उल्लू केवल शाम के वक़्त ही शिकार के लिए उठते हैं, जिसकी वजह से अंधेरे में एक अच्छी तस्वीर लेना भी कुछ कम मुश्किल नहीं था. Eskilden का कहना है कि इसके लिए आपको काफ़ी प्रैक्टिस और टाइमिंग की ज़रूरत है. आपको अपना समय उल्लू के हिसाब से सेट करना पड़ता है, जो हर शाम 4:30 पर उठता है. ये वही समय होता है, जब सूरज भी डूबने को तैयार रहता है.’ 

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