पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान पिछले महीने कराची में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में क़रीब 100 लोगों की मौत हो गई थी. अब इस हादसे के एक महीने बाद बेहद चौंकाने वाला ख़ुलासा हुआ है. बताया गया कि पाकिस्तान के 30 फ़ीसदी से ज़्यादा नागरिक पायलटों के पास फ़र्जी लाइसेंस हैं और वो उड़ान भरने के लिए योग्य ही नहीं हैं. यानि क़रीब 3 में से एक पायलट फ़र्ज़ी से है.
इस बात का ख़ुलासा ख़ुद पाक के उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर ने हालिया पीआईए दुर्घटना पर अपनी एक अनंतिम जांच रिपोर्ट पेश करने के दौरान किया.
नेशनल असेंबली को संबोधित करते हुए ख़ान ने कहा कि ‘देश में विभिन्न घरेलू एयरलाइनों के 860 से अधिक सक्रिय पायलट हैं, जिनमें देश की प्रमुख एयरलाइन पीआईए और अन्य विदेशी वाहक शामिल हैं. फरवरी 2019 में शुरू हुई जांच से पता चला कि 262 पायलटों ने ख़ुद परीक्षा देने के बजाय किसी दूसरे को अपनी जगह परीक्षा में बैठाया.’
इन पायलटों के पास फ़र्ज़ी लाइसेंस हैं और इनके पास प्लेन उड़ाने का पर्याप्त अनुभव भी नहीं है. रिपोर्ट्स से पता चला है कि पीआईए ने फ़र्ज़ी लाइसेंस वाले 150 पायलटों को विमान उड़ाने से रोक दिया है.
इसके साथ ही शुरुआती जांच में कराची प्लेन हादसे का दोषी दो पायलटों को ठहराया गया है. बताया गया कि ये हादसा पायलटों के अति-आत्मविश्वास और एकाग्रता की कमी के कारण हुआ था.
उड्डयन मंत्री ने नेशनल असेंबली में बताया कि पायलट पूरी उड़ान के दौरान कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे, वो फ़ोकस्ड नहीं थे.