लीडर कैसा होना चाहिए, सीखो 88 वर्षीय ग्राम पंचायत प्रमुख से जिन्होंने बदली गांव की दशा

Jayant Pathak

हर दिन सुबह 5 बजे, चिक्का यमनिगुरु ग्राम पंचायत की ये 88 साल की अध्यक्ष गांव के कामों की देख-रेख करने के लिए निकलती हैं, और लोगों की समस्याओं को सुनती हैं.

जी, अज्जी (कन्नड़ में दादी) कहलाने वाली दक्षणायनम्मा का मुख्य उद्देश्य 7,500 की आबादी वाले चिक्का यमनिगुरु, चिक्कनकट, कोडागावल्ली, कोडागावल्ली हट्टी, कुठालू, होसहल्ली और अयनाहल्ली गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराना है.

वो इन गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और लाईट को भी महत्व देती हैं. उम्र उनके लिए सिर्फ़ एक नंबर है. दक्षणायनम्मा ने कहा, ‘मैं वृद्ध नहीं हूं. मैंने जीवन को देखा है, और में हमेशा गांव को विकास की राह पर ले जाने के लिए अपने अनुभवों का इस्तेमाल करती रहूंगी.’ 

गांववालों का कहना है कि उन्हें सेवा करने के लिए किसी सीनियर अधिकारी की ज़रूरत नहीं है.

‘मेरा उद्देश्य गांव में हर किसी को शौचालय प्रदान करके महिलाओं की इज़्ज़त की रक्षा करना है.’ दक्षणायनम्मा ने कहा, ‘ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का एक और महत्वपूर्ण मुद्दा शिक्षा है. इसके लिए इम्पीटस दिया जाना चाहिए और चिक्का यमनिगनुरु जीपी में गांवों के विकास के लिए मनरेगा को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए.’

अज्जी शिक्षा के महत्व को जानती हैं. 1940 में उन्होंने केवल 7वीं क्लास तक पढ़ाई की जिसके बाद उनकी शादी करा दी गई. उनके 6 बच्चे हैं. तीन बेटे और तीन बेटियां. उनका एक बेटा, बी एस शिवमूर्ति कर्नाटक ग्रामीण बैंक में काम करता है.

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