पिछले एक साल में भारतीय रेल से चोरी हो चुके हैं 1.95 लाख तौलिये, 81,736 चादरें, 7,043 कंबल

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इंडियन रेलवे हमेशा से ही चोरों का सबसे आसान टारगेट रहा है. ये चोर कोई बाहर वाले नहीं, बल्कि ट्रेन में सफ़र करने वाले मुसाफ़िर ही होते हैं. इस मामले ये पैसेंजर किसी प्रोफ़ेशनल चोर से कम नहीं हैं. सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाना क़ानूनन जुर्म है, लेकिन यहां तो मुसाफ़िरों को करोड़ों की चोरी करने के बाद भी शर्म नहीं आई. उन्हें चोरी करते वक़्त ज़रा सा भी ख़्याल नहीं आया कि जिस ट्रेन में वो सफ़र कर रहे हैं, वो जनता के ख़ून पसीने की कमाई से ख़रीदी गई है.

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वेस्टर्न रेलवे ने हाल ही में ट्रेनों से चोरी किए गए सामान के आंकड़े जारी किए हैं. चोरी हुए सामान के ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. पिछले वर्ष लंबी दूरी की ट्रेनों से 1.95 लाख तौलिये, 81,736 चादरें, 55,573 तकियों के कवर, 5,038 तकिये और 7,043 कंबल चोरी किए गए. सिर्फ़ इतना ही नहीं 200 टॉयलेट मग, 1000 नल और 300 से ज़्यादा फ़्लश पाइप भी चोरी कर लिए गए.

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इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तौलिये, तकिये और तकियों के खोल, टॉयलेट मग, सीलिंग फैन, बिस्तर चोरी करने वाले मुसाफ़िरों की पहली पसंद होते हैं. साल 2017-18 में रेलवे सुरक्षा बल ने 2.97 करोड़ की क़ीमत का चोरी का सामान बरामद किया था. इसके अलावा यात्रियों ने शॉवर्स, वॉशरूम, खिड़कियों पर लगने वाली लोहे की छड़ों तक को नहीं छोड़ा.

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सेंट्रल रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने चोरी के सामान के आंकड़े जारी करते हुए बताया कि इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच क़रीब 79,350 हाथ के तौलिये, 27,545 चादरें, 2,150 तकिये, 21,050 तकियों के खोल और 2,065 कंबल चोरी हो चुके हैं. इस सामान की कुल क़ीमत 62 लाख रुपये के क़रीब है.

रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले तीन वित्त सालों में भारतीय रेलवे को क़रीब 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान चुका है.

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भारत सरकार ने कई बार भारतीय रेलवे की खूबसूरत तस्वीर पेश करने के लिए शानदार ट्रेनें चलाईं, लेकिन इन लग्ज़री ट्रेनों से कुछ दिनों बाद ही क़ीमती सामान चोरी कर लिया गया. कुछ लोगों ने रेलवे के लोहे के सामान को कबाड़ में बेचकर पैसे कमाने का जरिया बना लिया है.

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हाल की एक घटना में रतलाम के रहने वाले एक शख्स को सोमवार को 3 कंबल, 6 बेडशीट और 3 तकिये चुराने की कोशिश करते हुए गिरफ़्तार किया गया. गया था. आरोपी शब्बीर रोटीवाला बांद्रा टर्मिनस से लंबी दूरी की ट्रेन के एसी कोच में चढ़ा था. रतलाम स्टेशन पर उतरते समय रेल कर्मियों ने इसे बैग में बिस्तर रखते रेंज हाथ पकड़ लिया था.

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यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ‘भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम’ (आईआरसीटीसी) लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन मुसाफ़िरों द्वारा इस तरह की घटनाओं से रेलवे को लगातार मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. चोरी की ये घटनाएं देश की लाइफ़ लाइन कहे जाने वाले सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट सिस्टम को कमज़ोर कर रही हैं.

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इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अब केंद्र सरकार व रेलवे प्रशासन द्वारा सक्रिय होकर जागरुकता अभियान चलाए जाने की जरूरत महसूस होने लगी है.

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