1 सितंबर से देशभर में ‘संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट‘ लागू होने के बाद से ही यातायात नियमों को तोड़ने पर लोगों को भारी जुर्माना चुकाना पड़ रहा है.
सरकार के इस फ़ैसले को लेकर लोगों के बीच काफ़ी नाराज़गी देखी जा रही है. वाहन चालकों की परेशानियों को देखते हुए कई राज्यों ने इसे लागू करने से इंकार कर दिया है. बीजेपी शासित गुजरात भी इससे अछूता नहीं है.
गुजरात सरकार ने सबसे पहले नियमों में बदलाव कर जुर्माना राशि घटाई थी. कई मामलों में ये आधी तो कुछ मामलों में 90% तक कम की गई है. इसके बाद गुजरात में सोमवार से नए ट्रैफ़िक नियम भी लागू हो गए हैं. इसके बाद भी लोग विरोध कर रहे हैं.
सोमवार से लागू हुए नए नियमों के विरोध में लोग नए-नए तरीके अपना रहे हैं. सौराष्ट्र और राजकोट शहर में लोग इसके विरोध में सिर पर बर्तन पहनकर निकल रहे हैं.
नए नियम प्रभाव में आने के बाद पहले दिन राजकोट में ट्रैफ़िक डिपार्टमेंट ने 240 ड्राइवरों का चलान कर 1.14 लाख रुपये वसूल किए. उधर, स्थानीय व्यापार संगठन जल्द ही हड़ताल पर जाने की योजना पर काम कर रहे हैं.
बता दें कि ट्रैफ़िक नियमों के उल्लंघन पर केंद्र के बढ़ाए जुर्माने को गुजरात सरकार ने 25% से 90% तक कम कर दिया है. जबकि शराब पीकर गाड़ी चलाने और ट्रैफ़िक सिग्नल तोड़ने का जुर्माना नहीं बदला है, क्योंकि सरकार ने इनमें बदलाव के प्रावधान नहीं दिए हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि उनकी सरकार का मकसद ज़्यादा जुर्माना वसूलना या लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करना नहीं है. नए कानून को बिना कड़ी सजा दिए लागू करना मुमकिन नहीं है. इसलिए हमने हमने मानवीय रुख अपनाकर जुर्माना कम किया है. लेकिन उन मामलों में बिलकुल भी नरमी नहीं बरती जाएगी जहां लोगों की जान चली गई हो.