भगवा रंग देखकर सालभर तक मंदिर समझकर जिस इमारत में लोग सिर झुकाते थे, वो टॉयलेट निकला

Sanchita Pathak

देश में अंधभक्ति ने कितनी गहरी पैठ बना ली है ये हमीरपुर के मौदहा की इस घटना से आसानी से समझा जा सकता है.


लगभग एक साल तक हमीरपुर के लोग एक भगवा इमारत के आगे सिर झुकाते रहे, पूजा-अर्चना करते रहे और सालभर बाद पता चला कि वो एक पब्लिक टॉयलेट है.  

News18

News18 की रिपोर्ट के मुताबिक़ भगवा रंग से लोगों को ‘भ्रम’ हो गया. टॉयलेट का उद्घाटन तो हो गया था पर इस्तेमाल नहीं होता था.


टॉयलेट को अब गुलाबी रंग से पेंट कर दिया गया है. एडीएम अजीत ने टॉयलेट का उद्घाटन किया था पर इमारत के भगवा रंग से लोगों को लगा कि वो एक मंदिर है!  

जैसा की देश के हर छोटे-बड़े मामले में होता है अधिकारी यहां भी एक दूसरे पर ग़लती मढ़ते नज़र आ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ मौदाहा नगर पंचायत के चेयरमैन, रामकिशोर ने कहा,

‘टॉयलेट का निर्माण नगर पालिका परिषद ने सालभर पहले किया था और कॉन्ट्रैक्टर ने उसे भगवा रंग में रंगवाया. रंग की वजह से लोगों को काफ़ी Confusion हुआ.’  

News18

रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उत्तर प्रदेश के इटावा के अमृतपुर गांव में स्वच्छ भारत स्कीम के तहत बने 350 में से 100 शौचालयों को गांववालों ने भगवा रंग में रंग दिया था.


भक्ति तो समझ आती है पर ऐसी भक्ति जहां इस्तेमाल में न आने वाला टॉयलेट मंदिर बन गया?  

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