फे़मिनिज़्म और MeToo को ख़त्म करने के लिए कर्नाटक में हुआ ‘पिशाचनी मुक्ति पूजा’ का अटपटा आयोजन

Akanksha Tiwari

कर्नाटक में MeToo और फेमिनिज़्म को ख़त्म करने के लिये ‘पिशाचनी मुक्ति पूजा’ का आयोजन किया गया है. इस बारे में संगठन का कहना है कि ये पूजा ‘परिवार बचाओ आंदोलन’ के तहत की गई है. कर्नाटक की ये विचित्र घटना आजकल सोशल मीडिया पर चर्चा का टॉपिक भी बनी हुई है. सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों को देख कर ये भी साफ़ है कि पूजा को काफ़ी पारंपरिक तरीके से किया गया है. 

‘पिशाचनी मुक्ति पूजा’ 22 सितबंर को दोपहर 12.30 बजे रखी गई थी. इतना ही नहीं इस पूजा में फेमिनिज़्म और MeToo का पिंडदान भी किया गया. 

सोशल मीडिया पर जारी की गई विज्ञप्ति

रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘पिशाचनी मुक्ति पूजा’ सपंन्न होने के बाद इसे लेकर फे़सबुक पर प्रेस रिलीज़ भी शेयर की गई. पूरी प्रेस रिलीज़ पढ़ने के लिये आप ‘The Spoilt Modern Indian Woman’ नामक पेज पर जायें. 

वहीं इस बारे में संठगन के प्रवक्ता का कहना है कि ‘ये पूजा हमारे लिये प्रतीकात्मक है. इससे हमें नारीवाद नामक ‘कैंसर’ से निजात पाने में मदद मिलेगी’. इसके अलावा उनका ये भी कहना है कि ‘अब वक़्त आ गया है, जब MeToo आंदोलन नामक राक्षस को भी ख़त्म किया जाये’. 

indiatimes

इसके बाद जब प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या इस तरह की पूजा दोबारा भी हो सकती है, तो जवाब था कि ‘नारीवाद नामक बुराई को ख़त्म करने के लिये दोबारा ऐसा किया जा सकता है क्योंकि इसके चलते परिवार में काफ़ी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं’. 

कर्नाटक की इस घटना को जानने के बाद बस एक ही सवाल है कि अगर MeToo और फेमिनिज़्म कैंसर है, तो आये दिन देश के कोने-कोने से आने वाली बलात्कार की घटनाएं क्या हैं? जिस देश की नारियां आज आसमान छू रही हैं, उसी देश में उनकी आज़ादी ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है. क्या ये सही है? 

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे