पूरा देश इन दिनों कोरोना महामारी से जारी जंग में किसी न किसी रूप में सहयोग दे रहा है. मुसीबत की इस घड़ी में भारतीय डाक विभाग भी अहम रोल निभा रहा है. डाक विभाग के कर्मचारी लॉकडाउन में भी लोगों तक जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने के साथ ही ज़रूरतमंदों तक खाना भी पहुंचा रहे हैं.
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में बताया कि, डाक विभाग अभी तक 100 टन से भी अधिक दवाओं और अन्य चिकित्सीय उपकरण की डिलीवरी कर चुका है. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि दवाइयों के साथ ही डाक विभाग के कर्मचारी वेंटिलेटर्स और टेस्टिंग किट्स भी अस्पतालों और आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, डाक विभाग अनिवार्य सेवाओं के तहत आता है. इसके 2 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवक लॉकडाउन के दौरान बुज़ुर्गों और दिव्यांग लोगों तक उनकी पेंशन India Post Payment Bank की मदद से पहुंचा रहे हैं. इस प्रणाली की मदद से डाक विभाग अभी तक ज़रूरतमंदों के खातों में करोड़ों रुपये का भुगतान भी कर चुका है.
इसके लिए डाक विभाग ने ख़ास इंतज़ाम भी किए हैं. सामान को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने में इन कर्मचारियों की मदद स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी भी कर रहे हैं. डाक विभाग का मकसद है कि इस संकट की घड़ी में भी लाभार्थियों तक सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा के तहत चलाई जा रही सभी स्कीम्स का पैसा पहुंचाया जाए.
यही नहीं डाक विभाग कई NGO’s के साथ मिलकर डाकियों की मदद से लोगों तक खाने-पीने की चीज़ें भी पहुंचा रहा है.