गाज़ीपुर: किसानों के बच्चों की पाठशाला में अब पहुंच रहे हैं आस-पास की बस्ती में रहने वाले बच्चे

Sanchita Pathak

गाज़ीपुर पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों के बच्चों के लिए एक पाठशाला खोली गई थी. बीते 22 जनवरी को 12 बच्चों के लिए पाठशाला शुरू की गई थी.  

The Indian Express की रिपोर्ट के अनुसार, अब यहां आस-पास के झुग्गी में कचरा चुनने वालों के बच्चे भी पढ़ने आने लगे हैं. माता सावित्रीबाई फुले महासभा के सदस्यों ने किसानों के बच्चों के लिए स्कूल शुरू किया था, ताकि बच्चों की पढ़ाई न छूटे. इस पाठशाला को शुरू करने वालों ने आस-पड़ोस के ग़रीब बच्चों को भी पढ़ाना शुरू किया है.  

ANI News

बीते 26 जनवरी को हुई घटना के बाद इस जगह पर बैठे महिलाएं और बच्चे घर लौट गये. आज इस पाठशाला में 90 बच्चे पढ़ते हैं. 2 बैच में इन बच्चों को पढ़ाया जाता है. पहली शिफ़्ट सुबह 10 से 12 होती है और दूसरी शाम को 4 से 6. 

The Indian Express

The Indian Express से बात-चीत में छात्रा राधा ने बताया कि उसने पुराना स्कूल छोड़ दिया क्योंकि वहां उसके पिता से पैसे मांगे जाते थे और उसे पाठशाला में पढ़ना पसंद है.  

India Today

इनमें कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो पहली बार स्कूल जा रहे हैं. ये पाठशाला गाज़ीपुर प्रोटेस्ट साइट के बीच में एक टेन्ट के अंदर चलती है. पाठशाला में आने वाले बच्चों की उम्र 4 से 12 है.

इस पहल की जितनी तारीफ़ की जाए कम है.   

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे