केरल में कुछ ही दिनों पहले एक एक्ट्रेस को उसी की गाड़ी में बैठा कर अगवा किया गया और दो घंटों तक उसका शोषण करते रहे. उन गुंडों ने एक्ट्रेस की कई फ़ोटोज़ ली और वीडियो भी बनायी. इस घटना के बाद कई बॉलीवुड और साउथ इंडियन कलाकारों के बयान आये थे कि ये सरासर कानून की अवमानना है.
Union Minister for Women and Child Development, मनेका गांधी ने कहा कि केरल अब भगवान की धरती कहलाने लायक नहीं बचा है.
मनेका ने कहा था कि आज केरल सिर्फ़ एक महिला के लिए नहीं, बल्कि एक पोलिटिकल वर्कर, एक बच्चे और यहां तक कि किसी जानवर के लिए भी सेफ़ नहीं रहा है. यहां रोज़ किसी न किसी की मौत हो रही है और यहां की कमज़ोर सरकार या तो अपराधियों के हौसले बढ़ा रही है, या फिर उसमें फ़ैसले लेने कि हिम्मत नहीं बची.
मार्क्सवादी पार्टी के वर्चस्व केरल में महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा हर साल बढ़ रही हैं. ये रिकॉर्ड बाक़ी राज्यों से मुक़ाबले बहुत बुरा है, जबकि इस राज्य में साक्षरता दर 100 परसेंट है. 2007 से 2016 तक केरल में सिर्फ़ के केसों में 200 परसेंट से ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है. किडनैपिंग, शारीरिक शोषण, दहेज़ के लिए मौत और घरेलू हिंसा के मामले तो इस गिनती में आये भी नहीं.
अपने बचाव में पुलिस की लॉ एंड आर्डर, ADG का कहना है कि इस रेट का मतलब ये नहीं कि केरल में औरतों के खिलाफ़ क्राइम बढ़ रहा है, बल्कि इसका अर्थ ये लगाया जाना चाहिए कि अब लोग अपराधों की रिपोर्ट पुलिस के पास लेकर आने लगे हैं.
पिछले कुछ सालों में केरल में कई तरह की हिंसक घटनाओं की ख़बरें सामने आई हैं, जिनको देखने के बाद इस राज्य में महिलाओं की स्थिति पर सवाल उठाना और उनके सुरक्षा के लिए प्रयास करना ग़लत नहीं होगा.