क़ाबिल होने के बावजूद उसे नौकरी नहीं मिली क्योंकि वो देख नहीं सकता था, आज दूसरों को दे रहा है जॉब

Rashi Sharma

जयपुर के प्रतीक अग्रवाल, जिनकी उंगलियां की-बोर्ड पर ऐसे चलती हैं मानो कोई नर्तकी तल्लीन होकर नृत्य कर रही हो. हमेशा से पढ़ने-लिखने में सबसे आगे रहने वाले प्रतीक इतने होशियार हैं कि इंजीनियरिंग के आखिरी साल में प्लेसमेंट के दौरान उन्होंने कई जॉब इंटरव्यू दिए और क्लियर भी किए, मगर दुर्भाग्य कि हर कम्पनी के एचआर डिपार्टमेंट ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया. अब आप सोचेंगे कि ऐसा क्यों… इसका जवाब है प्रतीक का दृष्टिहीन होना. ये केस विडंबना है कि होनहार और तेज़ दिमाग़ वाले प्रतीक को केवल उनके नेत्रहीन होने के कारण नौकरी नहीं दी गई.

पर वो कहते हैं ना कि अगर मन में कुछ कर गुज़र जाने की चाह और सच्ची लगन हो तो बड़े से बड़ा रोड़ा भी रास्ते में रुकावट नहीं बन सकता है. और इस बात को सही साबित करने वाले हैं प्रतीक अग्रवाल…

naiduniya

जब प्रतीक को कोई नौकरी नहीं मिली तो वो हताश नहीं हुए, बल्कि उन्होंने एक दूसरा रास्ता अपनाया अपनी जीविका चलाने के लिए. उन्होंने नौकरी ढूंढने के बजाय लोगों के लिए नौकरियां बनाने का फ़ैसला किया. इसके लिए उन्होंने साल 2010 में अपनी खुद की एक आईटी कंपनी खोली और आज की तारीख में वो 40 से अधिक कर्मचारियों को अपनी आईटी कंपनी में नौकरी दे रहे हैं.

ये माना जा रहा है कि प्रतीक देश के पहले दृष्टिहीन आईटी एंटरप्रेन्योर हैं. आपको बता दें कि उन्होंने अपनी आवाज़ को अपनी आंखें बनाया और आज वो विज़ुअल वर्ल्ड से अपनी आवाज़ के माध्यम से जुड़े हुए हैं. इसके लिए वो कोई कॉल करने, रिसीव करने, मैसेज पढ़ने और उसका जवाब देने के लिए कंप्यूटर के साथ ही मोबाइल को भी टॉक मोड में इस्तेमाल करते हैं.

TOI

तकनीक के सहारे वो पूरी दुनिया में फ़ैले अपने सैकड़ों क्लाइंट्स से जुड़े हुए हैं. इतना ही नहीं वो अपने ऑफ़िस के वर्कर्स के साथ भी इसी तरह से बात करते हैं. उनका कहना है कि एंटरप्रेन्योर या उद्यमी बनाना उनकी च्वाइस नहीं, बल्कि मजबूरी थी. उन्होंने बताया कि नीमराना में एनआईआईटी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट होने तक वो लगातार टॉप तीन में थे.

हर साल कैंपस इंटरव्यू में वो टॉप परफ़ॉर्मर भी रहे. एप्टीट्यूट टेस्ट, रीजनिंग, ग्रुप डिस्कसन के साथ-साथ उन्होंने हर एक्टिविटी में हमेशा बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. लेकिन हर बार उनको फ़ाइनल राउंड में एचआर ने ये बोलकर रिजेक्ट कर दिया वो दूसरों के लिए प्रेरणा हैं.

timesofindia
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘मेरी प्रतिभा को हर बार नजरअंदाज कर दिया जाता था. फिर भी मैंने कभी हार नहीं मानी. मैंने सोचा कि अगर मुझे नौकरी नहीं मिल पा रही है तो क्या मैं तो दूसरों को नौकरी दे सकता हूं. और ईश्वर की कृपा है कि मैं आज आईटी इंटरप्रेन्योर बनने के बाद कई लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा हूं.’

किसी ने सच ही कहा है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बस मन में विश्वास और सच्ची लगन होनी चाहिए. प्रतीक अग्रवाल को ग़ज़बपोस्ट का सलाम!

आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे