उत्कल रेल हादसे में अपनों को गंवा चुके लोगों की मदद को आया एक फ़रिश्ता. उसका नाम नहीं, काम पूछो

Akanksha Thapliyal

पिछले हफ़्ते अपने ट्रैक से उतरी उत्कल एक्सप्रेस हादसे में कई लोगों की जान गयी और बहुत घायल हुए. ये इस साल के सबसे बड़े रेल हादसे में एक था. मुश्किल की घड़ी में, जब किसी ने अपना इकलौता बेटा खोया था, तो कोई अपनी मां के कपड़ों से उसकी लाश को ढूंढने की कोशिश कर रहा था… तब कई ऐसे चेहरे सामने आये जिन्होंने विश्वास दिलाया कि परेशानी कितनी ही बड़ी क्यों न हो, वो अच्छाई के आगे घुटने टेक देती है.

NDTV

मुज़्ज़रफ़रनगर, जहां ये ट्रेन हादसा हुआ, वहीं के मंसूरपुर में योगेन्द्र कुमार त्यागी का रेस्टोरेंट. योगेन्द्र को जैसे ही इस हादसे की ख़बर मिली, वो सीधे घटनास्थल पहुंचे और उस भयानक मंज़र को भुला नहीं पाए. योगेन्द्र ने प्रण लिया कि इस मुश्किल के समय में वो बाक़ी लोगों की जितनी मदद हो सकी, करेंगे.

STE India

लेकिन मदद सिर्फ़ कहने या सोचने भर से नहीं होती, इसलिए योगेन्द्र ने सबसे पहले अपने रेस्टोरेंट में टेबल-कुर्सी हटवा कर वहां घायलों और मृतकों के परिजनों के रहने का इंतेज़ाम किया. खाने, पीने और रहने की ये मदद सच में बहुत बड़ी थी, ख़ास कर तब जब लोगों के लिए सरकारी कैंप कम पड़ रहे थे.

त्यागी का कहना है कि ये उपरवाले का आदेश था और वो उसी का पालन कर रहे थे, उन्होंने देखा था कि हादसे में लोगों का काफ़ी सामान गायब हो चुका था और उन्हें एक छत की तलाश थी. सरकार द्वारा राहत कार्य शुरू होने तक काफ़ी लोगों को योगेन्द्र ने सहारा दिया. 
आपको ये भी पसंद आएगा
मिलिए Chandrayaan-3 की टीम से, इन 7 वैज्ञानिकों पर है मिशन चंद्रयान-3 की पूरी ज़िम्मेदारी
Chandrayaan-3 Pics: 15 फ़ोटोज़ में देखिए चंद्रयान-3 को लॉन्च करने का गौरवान्वित करने वाला सफ़र
मजदूर पिता का होनहार बेटा: JEE Advance में 91% लाकर रचा इतिहास, बनेगा अपने गांव का पहला इंजीनियर
कहानी गंगा आरती करने वाले विभु उपाध्याय की जो NEET 2023 परीक्षा पास करके बटोर रहे वाहवाही
UPSC Success Story: साइकिल बनाने वाला बना IAS, संघर्ष और हौसले की मिसाल है वरुण बरनवाल की कहानी
कहानी भारत के 9वें सबसे अमीर शख़्स जय चौधरी की, जिनका बचपन तंगी में बीता पर वो डटे रहे