वर्षों बाद किलोग्राम का वज़न बढ़ने वाला है, अगर ये हुआ तो चीज़ों के साथ-साथ आपका वज़न भी बढ़ेगा

J P Gupta

किलोग्राम की जो डेफ़िनेशन आपने कभी स्कूल में पढ़ी थी, वो अब बदलने वाली है. शुक्रवार को पैरिस में साइंटिस्ट इस बात के लिए वोट करने वाले हैं कि किसी वस्तु के भार को मापने का पैमाना क्या होना चाहिए. सदियों से चली आ रही इस व्यवस्था को बदलने की नौबत वैसे क्यों आ गई.

b’Source: Indianexpress’

वर्ष 1889 में पैरिस में एक जार के अंदर प्लेटिनम और इरिडियम से बना एक सिलेंडर रखा है. इसी के वज़न के अनुसार पूरे विश्व में किलोग्राम का पैमाना तय किया जाता है. इसे International Prototype Kilogram (IPK) कहते हैं. International Bureau Of Weights And Measures की लैब में रखे इस बाट को Le Grand K भी कहा जाता है.

भारत में नं. 57 से नापा जाता है किलोग्राम

Indiatimes

IPK की 40 अधिकारिक कॉपियां बनाई गई हैं. इनमें से एक भारत के पास भी है. इसे दिल्ली की नेशनल फ़िजीकल लैब में रखा गया है. इसे नं. 57 कहा जाता है, पूरे देश में इसी के हिसाब से किलोग्राम को मापा जाता है.

30-40 वर्षों बाद IPK पर जमी धूल मिट्टी को साफ़ किया जाता है. इस दरम्यान इसका कुछ वज़न कम हो जाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते 100 वर्षों में भांप आदि से सफ़ाई होने के कारण इसका वज़न 50 माइक्रोग्राम तक कम हो गया है.

दुनियाभर में वज़न के सामान मानक चाहते हैं वैज्ञानिक

New York Post

इसलिए वो भार मापने के इस पैमाने को एक स्थिर मापक से बदलना चाहते हैं. क्योंकि किसी दवा या अन्य कैमिकल पर होने वाले शोध पर इसका असर पड़ता है. वहां एक माइक्रोग्राम ऊपर-नीचे होने पर उससे बनाए जाने वाले प्रोडक्ट की क्वालिटी में फ़र्क आ जाता है.

Planck’s Constant के सिद्धांत पर काम करेगा नया पैमाना

The Asian Age

वैज्ञानिक इसे Planck’s Constant के सिद्धांत से मापने की तैयारी में हैं, जिसमें किसी वस्तु का स्थिर वज़न मापा जा सकता है. इसके लिए साइंस्टिस्ट Kibble Balance का प्रयोग करेंगे, जो Planck’s Constant के नियम पर काम करता है. अगर पैरिस में होने वाली वैज्ञानिकों कि इस मीटिंग में अधिकतर लोगों ने Kibble Balance को वोट किया, तो वर्षों से चला आ रहा बाट के वज़न करने का तरीका बदल जाएगा.

The Telegraph

वैसे इससे आम आदमी को कोई ख़ास फ़र्क नहीं पड़ेगा, लेकिन हो सकता है आगे से हमारा वज़न कुछ दिनों में तोलने पर ज़्यादा दिखाई देने लगे. 

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