रेड लिपस्टिक लगाने पर लोगों ने किया मां को बेइज़्ज़त, बेटे ने दिया ऐसा जवाब कि सब हो गए चुप

Kratika Nigam

हमारे समाज में हर चीज़ को उम्र से जोड़ा जाता है, जिसमें सबसे ऊपर फ़ैशन आता है. अगर कोई उम्रदराज़ महिला जीन्स पहन ले तो लोग उसे ऐसे देखते हैं, जैसे पता नहीं क्या ग़ुनाह कर दिया. एकबार ऐसा ही कुछ वाक्या मेरे सामने हुआ, जिस पार्लर में मैं थी, उसी में एक बूढ़ी आंटी भी थीं, वो फ़ेशियल, हेयर कलर और वैक्सिंग के लिए आई थीं. जैसे ही उन्होंने पार्लर वाली को सर्विस के बारे में बताया सब उन्हें देखने लग गए. उनके जाने के बाद एक लड़की बोली इन्हें अब क्या ज़रूरत है पार्लर आने की? हालांकि, मैं उससे कुछ नहीं बोली, लेकिन दिमाग़ में ये ज़रूर आया कि कहां लिखा है कि पार्लर सिर्फ़ जवान लड़कियों के लिए है. ख़ुद को सुंदर दिखाने का हक़ तो सबको है वही हक़ से वो आंटी भी पार्लर जाती हैं. 

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ख़ैर, ये तो हमारे समाज की मानसिकता है, जो किसी को भी ख़ुश नहीं देख सकती. कुछ ऐसा ही कोलकाता में हुआ, जहां एक 54 साल की महिला ने फ़ैमिली फ़ंक्शन में लाल रंग की लिपस्टिक लगा ली, तो रिश्तेदारों को करंट लग गया और लिपस्टिक लगाने वाली महिला को खरी-खोटी और ताने सुनाने लगे. ताने देने वालों में महिलाएं भी थीं, जिन्हें साथ देना चाहिए था वो ताने दे रही थीं. फिर इस महिला का साथ किसी और ने नहीं, बल्कि उनके बेटे पुष्पक सेन ने दिया और अगले दिन ही सुबह लाल लिपस्टिक लगाकर एक फ़ोटो पोस्ट की साथ ही रिश्तेदारों को लिखा, ‘गुड मॉर्निंग, जल्दी ठीक हो जाइए.’ इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग इन रिश्तेदारों को जमकर ज़लील कर रहे हैं.

पुष्पक ने लिखा,

मेरी मां, 54 साल की हैं जिन्हें एक फ़ैमिली गेट-टुगेदर में कुछ क़रीबी रिश्तेदारों ने लाल रंग की लिपस्टिक लगाने के चलते बहुत शर्मिंदा किया. मैंने कल अपनी ये तस्वीर उन सभी को ‘गुड मॉर्निंग, गेट वेल सून’ के मैसेज के साथ भेज दी.

उन्होंने आगे लिखा,

मैं हैरान इस बात पर था कि जो रिश्तेदार मेरी मां को उल्टा-सीधा बोल रहे थे उसमें उनके बच्चे भी थे, जो सोशल मीडिया पर ऐसे मुद्दों पर ख़ूब ‘बोलते’ हैं लेकिन जब ये सब हो रहा था तो उनमें से कोई भी कुछ नहीं बोला. ये मैं हूं, एक पुरुष, जिसने दाढ़ी से भरे चेहरे पर लाल रंग की लिपस्टिक लगाई है और मैं उन सभी माताओं, बहनों, बेटियों, गैर पुरुषों और उन महिलाओं के लिए खड़ा हूं जिन्हें एक असुरक्षित समाज की दकियानूसी सोच का शिकार होकर अपनी इच्छाओं को मारना पड़ता है. साथ ही, मैं अपने सभी भाइयों से कहना चाहूंगा कि वो भी उन महिलाओं के साथ खड़े हों, जिन्हें ऐसी सोच का शिकार होना पड़ता है.

पुष्पक के इस पोस्ट को 9 हज़ार से अधिक लाइक्स और 3 हज़ार से अधिक बार शेयर किया जा चुका है. लोग पुष्पक सेन की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं और कुछ लोगों ने तो आपबीती भी कमेंट के ज़रिए बता दी.

समाज में ऐसी मानसिकता रखने वाले लोगों को इलाज की सख़्त ज़रूरत है, नहीं तो ये अपनी सोच से ऐसे ही लोगों की इच्छाओं का दाह संस्कार करते रहेंगे.

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