भोपाल के Indian Institute of Information Technology (IIIT ) से छात्रों का पहला बैच पास होने वाला है. अभी तक इस संस्था का न ही कोई Dean नियुक्त किया गया है और न ही यहां कोई Placement Coordinator है.
इन दो मांगों को लेकर IIIT भोपाल के लगभग 200 छात्र 1 हफ़्ते से ज़्यादा समय से धरने पर बैठे हैं. हालांकि अभी तक संस्था ने इस सम्या का कोई समाधान नहीं निकाला है और उल्टे छात्रों को ही परिक्षा में ज़ीरो देने की धमकियां दी है.
कैंपस में विरोध के अलावा छात्र, #iiitbhopalcrisis के साथ ट्वीट कर रहे हैं. छात्रों का ये भी कहना है कि अधिकारियों से मीटिंग में उन्हें ये कहकर ज़लील किया गया है कि क्योंकि उन्हें JEE में सबसे कम नंबर आए हैं तो वे कोई सुविधा के हक़दार नहीं हैं.
MANIT के डायरेक्टर, नरेंद्र सिंह रघुवंशी को ही IIIT का मेंटर बनाया गया था और MANIT की प्रोफ़ेसर ज्योति सिंघाई को नोडल ऑफ़िसर.
Indian Express से बातचीत में थर्ड ईयर के छात्र ने कहा,
Temporary Contractual शिक्षकों हमें पढ़ाने आते जो 1 साल पढ़ाते और अगले साल कोई दूसरा आ जाता. इसका प्रभाव Consistency पर पड़ता है. हमारी बात सुनने वाला कोई नहीं है. हम MANIT के डायरेक्टर और नोडल ऑफ़िसर के पास कई बार अपनी समस्याएं लेकर गए पर वो हमारी मदद नहीं कर रहे.
-IIIT का छात्र
सेकेंड और थर्ड ईयर के छात्रों ने कक्षाओं का बॉयकॉट कर दिया है और 6 दिनों से कैंपस के कॉरीडोर्स में बैठे हैं. मंगलवार रात को 100 से ज़्यादा छात्र कैंपस के गेट पर विरोध में बैठे थे.
MANIT के डायरेक्टर ने पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है. ग़ौरतलब है कि MANIT के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की नियुक्ति सेंटर करती है. IIIT ने विरोध कर रहे छात्रों के माता-पिता को Message करके परिक्षा में ज़ीरो देने की बात कही.
हम उम्मीद करते हैं कि छात्रों के जीवन से हो रहा खिलवाड़ बंद हो.