ब्लू व्हेल की वजह से जा सकती थीं 12 जानें, लेकिन पुलिस की सूझ-बूझ से ज़िंदा बचे गए ये 11 बच्चे

Akanksha Tiwari

ब्लू व्हेल गेम का टास्क पूरा करते हुए डीएवी स्कूल सेक्टर-8 चंडीगढ़ के 10वीं के छात्र, करन ठाकुर ने बीते शनिवार को घर पर ही फ़ांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. करन की मौत के बाद एक और चौंका देने वाला सच सामने आया है. दरअसल, पुलिस जांच में पता चला है कि इसी स्कूल के 11 छात्र ऐसे हैं, जो करन के टच में थे और मोबाइल का इस्तेमाल बहुत अधिक करते थे. इन छात्रों को लेकर ये भी आशंका जताई जा रही है कि ये लोग जानलेवा व्लू व्हेल गेम की अलग-अलग स्टेज पर थे.

ट्रैक किए गए 11 में से 4 छात्र पचंकुला से ही हैं. बीते मंगलवार को सभी छात्रों के माता-पिता से संपर्क कर, करन के मोबाइल के साथ-साथ बाकी 5 छात्रों के फ़ोन को Digital Investigation Training and Analysis Centre गुरुग्राम, जांच के लिए भेजा गया. करन के इन मित्रों में एक लड़की भी है. पुलिस ने बताया कि ‘करन के स्कूल और उसके कज़न की मदद से हम इन छात्रों तक पहुंचे हैं.’

सूत्रों के मुताबिक, ट्रैक किए छात्रों में एक के हाथ पर ब्लू व्हेल गेम का निशान भी था. इसके मद्देनज़र रखते हुए, पचंकुला पुलिस ने माता-पिता के लिए एक सलाह जारी करते हुए बच्चों के फ़ोन पर पबांदी लगाने और बच्चों के शरीर पर लगी किसी भी चोट को अनदेखा न करने की सलाह दी है. पेरेंट्स को कहा गया है कि वो बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें, उन्हें आउटडोर गेम के लिए उत्साहित करें, साथ ही ज़्यादा से ज़्यादा वक़्त बच्चों के साथ बिताएं.

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