Success Story Of MBA Makhanawala: बिहार और उत्तरप्रदेश दो ऐसे राज्य हैं, जहां लड़कों को सरकारी नौकरी की तैयारी करने के लिए बहुत ज़ोर दिया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इन दोनों राज्यों के युवाओं की राजनीति और जनरल नॉलेज का ज्ञानन ज़बरदस्त होता है, बस यही वजह है कि घरवाले सरकारी नौकरी का डंडा बजाते रहते हैं. मगर ये तो हम सब जानते हैं कि आज के दौर में सरकारी नौकरी के चक्कर में उम्र निकल जाती है और न नौकरी मिलती है न ही कुछ और हाथ लगता है. यही वजह है जो आज का युवा स्टार्टअप (Start-Up) पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं.
Start-Up आइडिया के साथ-साथ नाम पर भी काफ़ी काम कर रहे हैं, जिससे लोग इनके नाम के वजह से भी इनके पास खींचे चले आते हैं. फिर चाहे वो ‘MBA चायवाला’ हो या ‘जॉबलेस चायवाली’, ‘ग्रेजुएट चायवाला’ हो या ‘करोड़पति चायवाला’ और अब ये एमबीए मखानावाला (MBA Makhana Wala), जो आज एक सफल ब्रांड बन चुका है.
चलिए जानते हैं, बिहार का एक साधारण का लड़का एमबीए मखानावाला (Success Story Of MBA Makhanawala) ब्रांड कैसे बना?, जिसकी तारीफ़ बिहार और यूपी सरकार भी कर चुकी है.
ये भी पढ़ें: Jobless Chaiwali: नौकरी छूटी, सुने समाज के ताने, पर हौसला बुलंद कर बनाई अपनी अलग पहचान
MBA Makhanawala के नााम से पहचान बना चुके श्रवण कुमार राय बिहार के रहने वाले हैं. अन्य युवाओं की तरह उन्होंने भी सरकारी नोकरी का सपना देखा था, लेकिन सरकारी नौकरी के अपना दायरे और नियम कायदे होते हैं, जिसके चलते सब सरकारी नौकरी पा लें ये ज़रूरी नहीं है. इसी बात को समय रहते समझने वाले श्रवण ने कुछ अपना करने की सोची, बस इसी सोच से जन्म हुआ MBA Makhanawala का.
श्रवण फ़ूड बिज़नेस में कुछ करना चाहते थे इसलिए उन्होंने तमिलनाडु के तंजौर से फ़ास्ट फ़ूड एंड टेक्नोलॉजी (Fast Food And Technology) से इंजीनियरिंग की. इसके बाद, Master of Business की भी पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद अन्य युवाओं की तरह श्रवण ने भी एक प्राइवेट कंपनी में लाखों के पैकेज पर जॉइन कर लिया, लेकिन उन्हें ये लाखों की नौकरी रास नहीं आई और उन्होंने नौकरी छोड़ दी और बिज़नेस की तरफ़ रुख़ कर लिया.
ये भी पढ़ें: नौकरी नहीं मिली तो बिहार के दीपक कुमार ने लगा ली टी-स्टॉल और बन गए ‘करोड़पति चायवाला’
श्रवण ने मखाने का ही बिज़नेस इसलिए किया क्योंकि बिहार के जिस ज़िले में श्रवण रहते हैं वो मखाने का बहुत बड़ा केंद्र है. इतना ही नहीं, दरभंगा और मधुबनी का मखाना देश भर में फ़ेमस है. बस इसी गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए श्रवण ने साल 2019 में मखाने के बिज़नेस शुरू किया. मार्केटिंग करने के लिए नाम की ज़रूरत होती है और नाम कुछ हटके हो तो लोग भी खींचते हैं इसलिए इन्होंने एमबीए मखानावाला नाम रखा.
श्रवण मखाने से जुड़े कई तरह के प्रोडक्ट बनाते रहते हैं, लेकिन इन्होंने पोपिंग मखाना मशीन (Popping Makhana Machine) पर ज़्यादा ध्यान दिया है. मखाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है बस इसी सोच के साथ श्रवण आगे बढ़ते गये और ब्रांड बन गए.
आपको बता दें, श्रवण आज मखाने के बिज़नेस से करोड़ों कमा रहे हैं और बेरोज़गार युवाओं को नौकरी दे रहे हैं. श्रवण उन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो सरकारी नौकरी न मिलने पर ख़ुद को किसी लायक नहीं समझते. जो युवा हताश हो जाते हैं उन्हें श्रवण से सीखना चाहिए और पूरी हिम्मत और उम्मीद के साथ उठकर एक नई शुरुआत करनी चाहिए.