13 साल में पहली बार कोई महिला जज, सुप्रीम कोर्ट के टॉप पांच जजों की कोलोजियम का हिस्सा बनी है

Kundan Kumar

13 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के पांच सीनियर जजों की कोलोजिमम में कोई महिला न्यायाधीश नियुक्त की गई है. जस्टिस रंजन गोगोई के रिटायर होने के बाद जस्टिस आर. भानूमति को नियुक्त किया गया है. 

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इससे पहले जस्टिस रुमा पाल सुप्रीम कोर्टे के टॉप-फ़ाइव कोलोजियम का हिस्सा थीं, वो साल 2006 में रिटायर हुई थीं. रुमा पाल साल 2000 में नियुक्त की गईं थीं. 

आर. भानूमति के साथ S. A. Bobde, N. V. Ramana, Arun Mishra और Rohinton Nariman भी टॉप पांच जज के रूप में नियुक्त किए गए हैं. वरिष्ठता के क्रम में भानूमति का स्थान पांचवा है. वो 19 जुलाई, 2020 को रिटायर होंगी. 

जस्टिस भानूमति टॉप पर पहुंचने वाले उन कुछ जजों में से हैं, जिनकी शुरुआत जिला स्तर के न्यायालय से हुई थी. उन्होंने साल 1981 में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. आगे उन्होंने साल 1988 में तमिलनाडु के विभिन्न जिलों में जज के तौर पर अपनी सेवा दी. 

साल 2013 में उन्हें मद्रास हाई कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त किया गया और दस साल बाद वो झारखंड की हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बनीं. 13 अगस्त, 2014 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज की कुर्सी सौंपी गई. 

जस्टिस भानूमति अपने लंबे करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण फ़ैसलों का हिस्सा रही हैं. दिल्ली के निर्भया गैंग रेप मामले में भानूमति उस बेंच का हिस्सा थीं, जिन्होंने अपराधियों को फ़ांसी की सज़ा सुनाई. 

अब तक कुल केवल आठ महिला जज ही हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में जज की कुर्सी पर बैठी हैं. एपेक्स के 34 जजों की सूची में केवल 3 महीला जजों का नाम आता है. जस्टिस भानूमति के अलावा जस्टिस इंदु मलहोत्रा और जस्टिस इंदिरा बैनर्जी का नाम उस लिस्ट में आता है. 

बता दें कि भारत में आजतक कोई महिला मुख्य न्यायाधीश की कुर्सी तक नहीं पहुंची है. 

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