आख़िरी स्टेज के ब्रेन ट्यूमर से लड़ रही महिला ने प्रदूषण से लड़ने के लिए लगाए 30,000 पेड़

Ishi Kanodiya

प्रदूषण इन्सानी सेहत के लिये एक बहुत बड़ी समस्या बनता जा रहा है. इसने इन्सान के स्वास्थ्य को तबाह कर दिया है. इस प्रदूषण की वजह से लोगों की गम्भीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. 

इसी प्रदूषण से लड़ने के लिए 27 वर्षीय महिला ने 30,000 पौधे लगाकर वायु प्रदूषण से लड़ने का साहस दिखाया है. 

शुर्ची वदालिया जो कि गुजरात के सूरत की रहने वाली हैं, कुछ महीने पहले ही आख़िरी स्टेज के ब्रेन ट्यूमर से डायग्नोज़ की गई हैं. वो मानती है कि वायु प्रदूषण एक मुख़्य कारण है, जिसकी वजह से आजकल लोग तेज़ी से और भयानक बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. 

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मैं भले ही जल्द मरने वाली हूं मगर मैं पेड़-पौधे लगाकर लोगों कि सांसों के ज़रिए ज़िंदा रहना चाहती हूं. 

उन्होंने पिछले 2 सालों में 30,000 से ज़्यादा पेड़ लगाए हैं और बाक़ियों को भी ये करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. 

मेरे पास ज़्यादा समय नहीं हैं अपना जीवन जीने के लिए और न ही अपने सपने पूरे करने के लिए मगर मैं ये नहीं चाहती कि बाकी लोग भी इस दौर से गुज़रें. इसलिए, और पेड़-पौधें लगने चाहिए जिससे कि हवा शुद्ध होगी और कैंसर हटेगा.

शुर्ची पास के कई गांव और स्कूल भी जाती रहती हैं. उनका मानना है कि बच्चों को शिक्षा देने से हमारा भविष्य ज़रूर अच्छा होगा. 

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